सोशल मीडिया पर अब तक कोरोना को लेकर कई तारह के दावे सामने आ चुके हैं। अब एक छोटी वीडियो क्लिप सामने आई है जिसमें देखा जा सकता है कि, भीड़ किसी शख्स को देख दौड़ पड़ती है।
नई दिल्ली. चीन में कोरोना वायरस ने कहर बरपाया हुआ है। पूरे देश में आपातकाल जैसे हालात हैं। यहां इस जानलेवा वायरस की वजह से अब तक करीब 17,00 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि वायरस से लगभग 46, हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर वायरस के संक्रमण और खौफ को लेकर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को देश कई भाषाओं में दावा किया जा रहा है कि, अफ्रीका के मॉरिटानिया प्रांत में एक चीनी नागरिक को देख लोग भाग खड़े हुए।
सोशल मीडिया पर अब तक कोरोना को लेकर कई तारह के दावे सामने आ चुके हैं। अब एक छोटी वीडियो क्लिप सामने आई है जिसमें देखा जा सकता है कि, भीड़ किसी शख्स को देख दौड़ पड़ती है।
क्या है वायरल पोस्ट?
डिप्लोमेट नाम के ट्विटर यूजर ने कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया। उसने लिखा- "मॉरिटानिया की राजधानी की सड़क पर एक आदमी गिर गया। लोग उसे मदद करने की बजाय डरकर भाग गए क्योंकि वो एक चीनी नागरिक था।" सोशल मीडिया पर सैकड़ों बार ये वीडियो साझा किया जा चुका हैं।
क्या दावा किया जा रहा है?
दावा किया जा रहा है कि कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत के बाद से पूरे देश में चीनी नागरिकों को लेकर खौफ फैलता जा रहा है। लोग चीनी नागरिकों को देखते ही उनसे दूरी बना रहे हैं। कोरोना के डर से वे उनसे भाग रहे हैं। ऐसे दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया जा रहा है। 8 फरवरी को सामने आए वीडियो को 700 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।
क्या है दावे की सच्चाई?
अब हम आपको वायरल वीडियो और उससे जुड़े दावे की सच्चाई बताते हैं। दरअसल ये वीडियो साल 2019 का है। जब हमने इनविड टूल की मदद से फुटेज की रिवर्स इमेज सर्च की तो हमने पाया कि, 12 जुलाई, 2019 को ये वीडियो पब्लिश किया गया था। मॉरिटानिया में विपक्षी नेताओं ने अधिकारियों पर 22 जून, 2019 को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को ठीक करने का आरोप लगाया और इसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों की आलोचना की गई। ये वीडियो उसी दौरान एक विरोध प्रदर्शन का जहां मार्च पास्ट में भगदड़ जैसा माहौल हो गया था।
ये निकला नतीजा
इस वीडियो का कोरोनावायरस और चीनी नागरिक से कोई लेना देना नहीं है। वीडियो कोरोना वायरस के खबरों में आने से बहुत पहले का है। कोरोना को लेकर फैलाई जा रही फेक खबरों में ये एक नया मामला है।