भारत- मालदीव संबंधों को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अफवाह तेजी से फैल रही है। आइए जानते हैं क्या है इस खबर की सच्चाई।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पुराना ट्विटर) पर दावा किया जा रहा है कि मालदीव ने अपने 28 द्वीप भारत को सौंप दिए हैं। 'ब्रेकिंग: मालदीव ने भारत को 28 द्वीप सौंप दिए हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़ू ने खुद इस पर हस्ताक्षर किए हैं'- ऐसा ही एक ट्वीट में लिखा गया है। इसी तरह की जानकारी शेयर करते हुए कई ट्वीट देखे जा रहे हैं। स्क्रीनशॉट नीचे देखें।
सच्चाई
मालदीव ने भारत को 28 द्वीप सौंपे हैं, यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। इस फर्जी खबर की सच्चाई पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट करके बताई है।
दरअसल, मालदीव के 28 द्वीपों पर भारत और मालदीव संयुक्त रूप से जल और सीवरेज परियोजनाओं का संचालन कर रहे हैं, जिसे कई ट्विटर हैंडल गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं। यह परियोजना मालदीव-भारत विकास सहयोग का हिस्सा है। इस बारे में मालदीव के निर्माण और अवसंरचना मंत्रालय ने विस्तार से ट्वीट किया था। ट्वीट में यह भी कहा गया था कि यह परियोजना भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को रेखांकित करती है।
यही नहीं, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़ू ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भारत के साथ सहयोग के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की थी। इस समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में मालदीव के राष्ट्रपति भी शामिल हुए थे।
निष्कर्ष
मालदीव ने भारत को 28 द्वीप सौंपे हैं, यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।