फैक्ट चेकः 2016 के वीडियो को सांप्रदायिक मैसेज से जोड़कर 2022 में कर दिया वायरल

सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो को हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) से जोड़कर तेजी से वायरल (Viral) किया जा रहा है। वीडियो (Video) के साथ यह दावा किया जा रहा है कि ''हिंदू नव वर्ष की रैली में समुदाय विशेष के भीड़ ने किया हमला रैली को आगे नहीं जाने दिया''। 

FACT CHECK: Bhupendra Surana नाम के एक यूजर ने 04 अप्रैल 2022 को इस वीडियो को फेसबुक पर अपलोड किया है।

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Asianetnews Hindi ने जब वीडियो और दावे की पड़ताल की तो सच कुछ और ही निकला। हमारी पड़ताल में हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) से जोड़कर वायरल (Viral) हो रहा दावा पूरी तरह से फर्जी निकला। सिलसिलेवार तरीके से किए गए पड़ताल में आइए जानते हैं कैसे पता चला इस फर्जी दावे का पूरा सच...

पड़ताल का स्टेप नं 1: सबसे पहले हमने वीडियो (Video) को ऑब्जर्व किया। वीडियो में एक शॉप का नाम 'निखिल कलेक्शन' नजर आया। सबसे पहले हमने इस दुकान के नाम को गूगल में सर्च किया। गूगल के पहले ही स्क्रॉल पर हमें वीडियो में दिख रहे दुकान के बोर्ड से मिलता-जुलता एक फोटो दिखा। फोटो पर क्लिक करने पर जस्ट डायल की एक लिंक ओपन हुई। इसमें निखिल कलेक्शन की फोटो के साथ दुकान का पूरा पता भी दिया गया है- Gaushalla Road, Daddal Mohalla, Phagwara - 144401, Near Ekam Collection । इससे तो यह साफ हो गया कि वीडियो पंजाब (Punjab) के फगवारा से जुड़ा हुआ है।

पड़ताल का स्टेप नं 2: वीडियो में दिख रहा है कि एक तरफ हाथों में झंडा लेकर शिवसैनिक कार्यकर्ता हैं तो दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष। हमने clash between shiv sainik and muslim in phagwara की वर्ड को गूगल में सर्च किया। गूगल के पहले इंडेक्स बॉक्स में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर मिली। यह खबर 2016 की है। TOI की खबर में लिखा है - शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा कश्मीरियों की कुछ दुकानों को निशाना बनाने और एक मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद तनाव की स्थिति बन गई। शिवसेना (Shivsena) कार्यकर्ताओं और मुस्लिम (Muslim), सिख (Sikh) और दलित (Dalit) आमने-सामने आ गए। 

गूगल (Google) के सर्च रिजल्ट में फगवारा क्लैश से जुड़ी हिंदुस्तान टाइम्स की एक लिंक मिली। इस खबर की हेडिंग है - फगवाड़ा में सांप्रदायिक संघर्ष...। यह खबर 23 जुलाई 2016 को पब्लिश की गई है। 

सर्च रिजल्ट में इंडियन एक्सप्रेस की भी एक लिंक मिली। यह खबर 04 अगस्त 2016 को पब्लिश की गई है। इसकी हेडिंग थी -  फगवाड़ा : तनाव दूर करने के लिए शिवसैनिकों, मुसलमानों ने बढ़ाई जैतून की टहनी।

shiv sena v/s muslim in phagwara- यूट्यूब पर इस की वर्ड को डालने पर रिजल्ट पेज पर 13 जुलाई 2017 का एक वीडियो मिला। जो वायरल किये जा रहे वीडियो से पूरी तरह से मैच कर रहा है। दोनों पक्ष, पुलिस, आसपास की दुकान और दुकानों के होर्डिंग्स पर मौजूद नाम...सबकुछ सेम है। इससे तो यह क्लियर हो गया कि जिस वीडियो को गलत मैसेज के साथ अप्रैल 2022 से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वो दावा पूरी तरह से गलत और फर्जी है।

वायरल दावा- हिंदू नव वर्ष की रैली में समुदाय विशेष के भीड़ ने किया हमला रैली को आगे नहीं जाने दिया, Latest News Hindi , Viral   Video , Real Secularism in india , Breaking news , Aaj ki Taza khabar , The Kashmir Files Reality। (नोटः Asianetnews Hindi ने इस वायरल दावे में एक शब्द भी नहीं बदला है।)

दावे का सच-  Asianetnews Hindi की पड़ताल में सांप्रदायिक रंग देने वाले मैसेज के साथ वायरल किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है। वीडियो 2016 का है, लेकिन उस दौरान की घटना का आज के संदर्भ से कोई कनेक्शन नहीं है।

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