FACT CHECK: ''प्रयागराज में पिट गए पप्पू यादव, फूट-फूटकर रोये,''...जानें क्या है इस वायरल वीडियो का सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ का मजाक उड़ाने पर बिहार के नेता पप्पू यादव को प्रयागराज में कुछ लोगों ने पीट दिया

Sushil Tiwari | Published : May 6, 2023 3:37 PM IST / Updated: May 07 2023, 07:13 AM IST

Fact Check: पप्पू यादव इन दिनों सुर्खियों में हैं, हालांकि यह पहले भी चर्चा में रह चुके हैं। लेकिन इस बार इनकी चर्चा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जोड़कर हो रही है। ट्विटर पर यादव जी का एक रोने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। बाबा इजरायली नाम के एक यूजर ने पप्पू यादव का रोने वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा है - ''योगी जी का मजाक उड़ाने वाले पागल गैंडे पप्पू यादव की प्रयागराज में सनातनी युवाओं द्वारा बहुत अच्छे से स्वागत किया गया''। बाबा ने 02 मई को अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो पोस्ट किया था, जिसे अब तक 10 हजार बार देखा जा चुका है। 

 

 

एशियानेट न्यूज हिंदी ने जब इस वायरल वीडियो (Viral Video) की पड़ताल की तो मामला कुछ और निकला। दरअसल, वायरल के नाम पर जो बताया जा रहा है, सच्चाई वो नहीं है। सबसे पहले आपको बता दें, यह वीडियो मई 2023 का नहीं बल्कि 2018 का है। पप्पू यादव के रोने की वजह उस समय कुछ और थी...। आइए जानते हैं इस वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई आखिर है क्या...

बिहार के मधेपुरा से नेता पप्पू यादव के रोने की दर्जनों खबर गूगल में मौजूद है। वीडियो और आर्टिकल...सबकुछ गूगल डोमेन में पड़ा हुआ है। हमने जब पप्पू यादव के रोने वाले की वर्ड से सर्च किया तो इंडेक्स में कई खबरें दिखीं। पहली खबर अमर उजाला की मिली। वेबसाइट पर यह वीडियो 06 सितंबर 2018 की है। इस वीडियो में यादव कह रहे हैं कि मेरा एसपी, आईजी और सीएम ने फोन नहीं उठाया। मुझे पीटा गया और गालियां दी गईं और यह कहते हुए वो रो पड़ते हैं। उस समय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर मुजफ्फरपुर में हमला हुआ था। उन्होंने कार में बैठे-बैठे अपना दर्द मीडिया को बताया और उसी समय वो रो भी दिए थे।

पप्पू यादव के रोने वाली खबर हमें जागरण पर भी मिली। वेबसाइट पर यह खबर 07 सितंबर 2018 को पब्लिश की गई थी। जागरण ने पप्पू यादव के रोने वाली खबर को फेक बताया था। खबर में बताया गया है कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए पप्पू यादव ने मीडिया के सामने झूठ बोला है। पुलिस ने भी बताया था कि पप्पू यादव के साथ कोई भी मारपीट नहीं किया गया है। अगर उनका मोबाइल और कार का शीशा टूटा है तो उन्हें उसका सबूत दिखाना चाहिए था। पुलिस ने उनके रोने वाले वीडियो को फर्जी करार दिया था।

निष्कर्षः एशियानेट न्यूज की पड़ताल में प्रयागराज में पप्पू यादव के पीटे जाने की खबर फर्जी निकली। मई का बताकर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, दरअसल पप्पू यादव का वो वीडियो 2018 का है। पप्पू यादव का प्रयागराज से कोई संबंध नहीं है। पप्पू यादव का रोने वाला वायरल वीडियो 2018 का है।

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