Fake Check: लोगों ने मुस्लिम युवक को फलों पर थूक छिड़कते हुए पकड़ा, कर दी पिटाई, जाने वायरल वीडियो की सच्चाई

सोशल मीडिया पर इस वक्त एक वीडियो खुब शेयर किया जा रहा है। 2 मिनट के इस वीडियो में कुछ लोग आक्रामक होकर एक लाल शर्ट पहने शख्स से पूछताछ कर रहे हैं। लोग हरयाणवी में उससे पूछ रहे हैं कि उसका क्या प्लान था और उसने ये सब कहां से सीखा?

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2020 10:43 AM IST

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर इस वक्त एक वीडियो खुब शेयर किया जा रहा है। 2 मिनट के इस वीडियो में कुछ लोग आक्रामक होकर एक लाल शर्ट पहने शख्स से पूछताछ कर रहे हैं। लोग हरयाणवी में उससे पूछ रहे हैं कि उसका क्या प्लान था और उसने ये सब कहां से सीखा? वीडियो में पीछे से धमकी की अवाज भी आ रही है जिसमें कहा जा रहा है कि उसपर तेल डालकर उसे आग लगा देंगे। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि जिस शख्स से पुछताछ की जा रही है उसके साथ मारपीट भी किया गया है। अब इस वीडियो को कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि इस शख्स ने कोरोना वायरस फैलाने के लिए फलों पर अपनी थूक से भरे हुए इंजेक्शन से छिड़काव किया है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर इस वीडियो की सच्चाई क्या है?

वायरल वीडियो में क्या है ? 

करीब दो मिनट के इस वीडियो में एक व्यक्ति जो लाल कलर का चेक शर्ट पहने हुए है उसे रोड़ के किनारे बैठाया गया है। और लोग उससे पुछताछ कर रहे हैं। लोग पुछ रहे हैं उसका क्या प्लान था ? शख्स दोनों हाथों को जोड़ कर बोल रहा है बता रहा हूं मारना मत। इसके बाद शख्स बोलता है 10-12 लोग थे। उसके बाद उसे कुछ लोग लाठी डंडों से पीटने लगते हैं। अब इस वीडियो को Resurging Hinduism नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने शेयर किया है और साथ में जो मेसेज है उसमें लिखा है– 'बवाना से मिला है ये। थूक को इंजेक्शन से फ्रूट्स में भरकर कोरोना फैलाने की तैयारी थी आखिर ये लोग चाहते क्या हैं'

वीडियो की सच्चाई क्या है ?

जब हमने वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल पर सर्च किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिले जिसमें यह लिखा था कि 22 साल के शमसाद अली को बवाना के हरेवली गांव में कुछ लोगों ने पीटा था। और उन्हें शक था कि वो कोरोना वायरस फैलाने की ‘साज़िश’ कर रहा था। जब हमने बवाना के असिस्टेंट कमिश्नर से बात की तो उन्होंने भी घटना की तस्दीक की और हमें बताया कि अली के फलों पर इंजेक्शन से थूक छिड़कने की बात सरासर गलत है। ACP का कहना है कि अली जमात में शामिल होने भोपाल, मध्य प्रदेश गया था। जहां से ट्रक से दिल्ली लौटते वक़्त पुलिस ने उसे रोका और गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले गए जहां उसकी कोरोना वायरस के लिए जांच हुई। कोई भी लक्षण नहीं मिलने पर अली को घर जाने दिया गया। घर जाते वक्त ही उसपर ये हमला हुआ। हमला 3 लोगों ने किया था जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही अली पर भी धारा 188 के तहत लॉकडाउन तोड़ने के मामले में FIR दर्ज किया गया है। दिलशाद अली उर्फ़ महबूब हरवेली का रहने वाला है और अभी भी लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में बतौर कोरोना वायरस का संभावित मरीज़ भर्ती है।

ये निकला नतीजा

हमारी पड़ताल में वीडियो में किया जाने वाला दावा गलत निकला है जिसकी पुष्टि बवाना के असिस्टेंट कमिश्नर ने भी की है। 
 

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