Fact Check. कोरोना का खतरा देख लोगों ने बंद किया अखबार, प्लास्टिक पर 3 दिन जिंदा रहता है वायरस

सोशल मीडिया पर ये मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि अखबर पकड़ने से भी कोरोना वायरस हो सकता है। वहीं लोग अॉनलाइन खाना भी मंगवाना बंद कर रहे हैं। लोग फूड डिलिवरी वालों तक को कोरोना का संवाहक समझ रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में जानते हैं कि क्या हमें आखबार आदि चीजों से भी कोरोना हो सकता है? 

Asianet News Hindi | Published : Mar 20, 2020 12:48 PM IST / Updated: Mar 20 2020, 06:27 PM IST

नई दिल्ली.  कोरोना वायरस के बढ़ते हुए खतरे को देखकर लोग घरों में कैद हैं। लोग किसी को छूने तो क्या बाहर से आने वाली चीजों तक को हाथ नहीं लगा रहे।  ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर आने वाली हर जानकारी को भी सच मानकर भरोसा कर रहे हैं। कोरोना से जुड़ी फेक खबरों का अंबार लगा हुआ है। वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहें और भी खतरनाक हैं। कई लोगों ने कोरोना के डर से न्यूजपेपर लेना बंद कर दिया है। लोगों को अखबार से भी कोरोना का खतरा लग रहा है। कई लोग दूध का पैकेट लेने तक से घबरा रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर ये मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि अखबर पकड़ने से भी कोरोना वायरस हो सकता है। वहीं लोग ऑनलाइन खाना भी मंगवाना बंद कर रहे हैं। लोग फूड डिलिवरी वालों तक को कोरोना का संवाहक समझ रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में जानते हैं कि क्या हमें आखबार आदि चीजों से भी कोरोना हो सकता है? 

Latest Videos

डॉक्टर ने बताया सच

दरअसल इस अफवह के बाद लखनऊ के एक विशेषज्ञ डॉ. ने कोरोना से जुड़ी इन अफवाहों को खारिज कर दिया। डॉ. अभिषेक अरुण जयसवाल ने बताया कि न्यूजपेपर या दूध के पैकेट से कोरोना वायरस का चिंताजनक खतरा नहीं होता है। अभी तक ऐसी कोई भी रिसर्च नहीं आई है, जिससे यह साबित हो कि न्यूजपेपर जैसी चीजों से कोरोना फैल सकता है। डॉक्टरों की मानें तो कागज या दूध के पैकेट के सरफेस से अधिक खतरा ठोस चीजों से है। 

वहीं डब्ल्यूएचओ भी कह चुका है कि इस बात की संभावना बहुत ही कम है कि किसी संक्रमित व्यक्ति के छूनेभर से कोई पैकेट भी संक्रमणग्रस्त हो जाए। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वह पैकेट जब आप तक पहुंचता है तो तब तक वह कई तरह के तापमानों से होकर गुजर चुका होता है।

अखबार संक्रमित नहीं होंगे

अभी तक कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनसे भी यह साफ होता है कि किसी संक्रमित व्यक्ति के डायरेक्ट संपर्क में आने से ही अधिकाशतः यह वायरस फैला है। अखबार डालने वाला हॉकर अगर संक्रमित है भी, तो भी उसके छू लेने भर से अखबार संक्रमित हो जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। 

पॉलीथीन और प्लास्टिक से बचें

कोरोना वायरस के संवाहक होने की बात करें तो ये सबसे ज्यादा पॉलीथीन और प्लास्टिक पर जिंदा रहता है। लगभग 24 घंटे कोरोना पॉलीथीन पर जिंदा रह सकता है और 4 दिन प्लास्टिक पर। ऐसे में हमें कोरोना संक्रमित लोगों के साथ उनके संपर्क में आई लकड़ी, प्लास्टिक आदि जैसी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। 

Share this article
click me!

Latest Videos

सिर्फ 2 किताबें और... 12वीं पास लड़के ने छाप डाले 22000 Cr. । Dinesh Thakkar
राहुल ने बताई विपक्ष की पावर कहा- पहले जैसे नहीं रहे मोदी #Shorts
Garib Rath Express Train: ट्रेन में भाग खड़े हुए पैसेंजर, Shocking Video आया सामने
New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee