मोदी सरकार छात्रों को हर महीने दे रही है 9 हजार रुपये की मदद? वायरल पोस्ट पर भरोसा करना हो सकता है खतरनाक

वायरल मैसेज में लिखा है, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण छात्र स्कूल और कॉलेजों की फीस का भुगतान करने में असमर्थ हैं। इसलिए सरकार सभी छात्रों को Rs 9000 की मुफ्त धनराशि प्रदान कर रही है।

फैक्ट चेक डेस्क. Modi Govt giving 9000 rupees to students: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना महामारी के समय छात्र स्कूल और कॉलेजों की फीस का भुगतान करने में असमर्थ हैं। दावे के मुताबिक, सरकार सभी छात्रों को 9000 रुपये दे रही है। इस पोस्ट में एक लिंक शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि इसकी मदद से पैसे मिलेंगे। 

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है? 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

वायरल मैसेज में लिखा है, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण छात्र स्कूल और कॉलेजों की फीस का भुगतान करने में असमर्थ हैं। इसलिए सरकार सभी छात्रों को Rs 9000 की मुफ्त धनराशि प्रदान कर रही है। ताकि वे अपनी फीस आसानी से दे सकें। सभी छात्र जो स्कूल और कॉलेजों में हैं उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। आप इस लिंक से अपनी Rs 9000 की मुफ्त धनराशि प्राप्त करने के लिए फ़ॉर्म भर सकते हैं| 👉http://bit.ly/Register-For-Free-Scholarship🙏🙏 निवेदन: 🙏 लोगो की सुविधा के लिए इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे उन्हें इस सुविधा का लाभ मिल सके।’ वॉट्सऐप पर वायरल इस मैसेज को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है।

 

 

फैक्ट चेक

कीवर्ड्स की मदद से यह जानना चाहा कि कोरोना के समय क्या सरकार स्टूडेंट्स को 9000 रुपये दे रही है। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो ऐसी किसी सरकारी मदद की पुष्टि करती हो। अगर सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर सभी छात्रों को 9000 रुपये देने का ऐलान किया होता तो ये बड़ी खबर है। प्रामाणिक मीडिया हाउस इसपर जरूर रिपोर्ट करते। हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला।

पड़ताल में पता चला कि इस लिंक पर जाने पर यहां यूजर से नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस जैसी निजी जानकारियां एक कथित फॉर्म में भरवाई जा रही हैं। अगले चरण में यूजर को पैसे पाने के लिए इस कथित ऑफर को वॉट्सऐप पर कम से कम 10 लोगों या 10 ग्रुप के साथ शेयर करने को कहा जा रहा है।

 

 

नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC) यूपी के सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर आलोक तिवारी ने मीडिया को बताया कि लोगों को ऐसे किसी ब्लॉग लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। सरकारी सूचनाएं अगर gov.in या nic.in से आ रही हैं तभी उसे लोगों को माननी चाहिए। ऐसी दूसरी स्थितियों में उनके साथ गड़बड़ भी हो सकती है।

साफ है कि ये वायरल मैसेज किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से जारी नहीं हुआ है। इसके अलावा इसमें यूजर की निजी जानकारियां भी ली जा रही हैं। गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन सेफ्टी टिप्स मौजूद हैं। इन सेफ्टी टिप्स में साफ लिखा है कि ईमेल, मैसेज या सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की तरफ से आने वाले किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। सेफ्टी टिप्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक किया जा सकता है।

ये निकला नतीजा 

कोरोना महामारी के समय सरकार की तरफ से सभी स्टूडेंट्स को 9000 रुपये मिलने का दावा झूठा है। सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। अनजाने लिंक पर क्लिक करना या अपनी निजी जानकारियां शेयर करना आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है।

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