FACT CHECK: क्या डॉ आंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर के साथ कोलंबिया में चलाई गयी है बस? जानें सच्चाई

यह ध्यान देने योग्य बात है कि हालांकि वायरल तस्वीर फ़र्ज़ी है पर इतिहास में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने वक़्त वक़्त पर डॉ आंबेडकर का सम्मान किया है। यह यूनिवर्सिटी बाबासाहेब की आत्मकथा वेटिंग फॉर ऐ वीसा अपने पाठ्यक्रम में पढ़ाती है।

फैक्ट चेक डेस्क.  सोशल मीडिया पर आज कल एक पोस्ट वायरल है, जिसमें एक बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर देखी जा सकती है। पोस्ट के ऊपर लिखा है “कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबासाहब का चित्र यह असली सम्मान है….।”

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है? 

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यह ध्यान देने योग्य बात है कि हालांकि वायरल तस्वीर फ़र्ज़ी है पर इतिहास में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने वक़्त वक़्त पर डॉ आंबेडकर का सम्मान किया है। बाबा साहेब ने अपना स्नाकोत्तर और पी.एच.डी कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यू यॉर्क, से पूरा किया है। यह यूनिवर्सिटी बाबासाहेब की आत्मकथा वेटिंग फॉर ऐ वीसा अपने पाठ्यक्रम में पढ़ाती है।

वायरल क्या है? 

वायरल पोस्ट में एक बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर देखी जा सकती है। पोस्ट के साथ लिखा है “कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबासाहब का चित्र यह असली सम्मान है, अमेरिका आज भी बाबा साहब को अपना आदर्श मानता है क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उसी पुस्तक पर आधारित है जिसे बाबा साहब ने ब्रिटिश काल में अपनी डाक्टर की डिग्री के लिए यिसिस के रूप में लिखा था ‘ द प्राब्लम आफ रुपी’ जिसके आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक की भी स्थापना हुई। और हमारे यहाँ पर बाबा साहब की मूर्ति को तोडते हैं। सोचो अगर बाबा साहब ने इंग्लैंड तत्कालीन प्रधानमंत्री रैम्स मैग्डानोल्ड के अनुरोध पर इंग्लैंड की नागरिकता स्वीकार कर ली होती तो बहुजनों का क्या होता??।”

 

 

फैक्ट चेक

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें commons.wikimedia.org पर बस की ये तस्वीर मिली मगर उसमें बस के ऊपर अंबेडकर की तस्वीर नहीं थी। वेबसाइट के अनुसार, तस्वीर को 28 जुलाई 2008 को एड्रियन पिंगस्टोन नाम के एक फोटोग्राफर द्वारा खींचा गया था।

 

 

हमने इन दोनों तस्वीरों की तुलना की, जिसे आप नीचे देख सकते हैं। दोनों तस्वीरें हूबहू एक जैसी हैं, सिर्फ अंबेडकर की तस्वीर का फर्क है। जिससे यह साबित होता है कि बस की तस्वीर के ऊपर एडिटिंग टूल्स की मदद से अंबेडकर की तस्वीर को चिपकाया गया है।

 

 

ढूंढ़ने पर हमें चिपकायी गयी अंबेडकर की तस्वीर आउटलुक की एक गैलरी में मिली। इसी तस्वीर को बस की तस्वीर के ऊपर एडिट करके चिपकाया गया है। हमने कीवर्ड सर्च की मदद से ढूंढ़ने की कोशिश की कि क्या कोलंबिया की सड़कों पर अंबेडकर की तस्वीर लगी बसें चल रहीं हैं? हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

 

 

आपको बता दें कि अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई कोलंबिया विश्वविद्यालय (न्यूयॉर्क) से की थी। अंबेडकर की आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर ए वीजा’ कोलंबिया विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में अभी भी शामिल है। इसके अलावा 08 नवंबर 2010 को भारतीय संसद में अपने भाषण में अंबेडकर के बारे में बात करते हुए तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था “जिस तरह एक दलित डॉ अंबेडकर ने खुद को इस लायक बनाया कि भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस देश का संविधान रचा, हर व्यक्ति अपने आप को इस लायक बना सकता है।”

ये निकला नतीजा

अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। ये तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर 2008 की है, जिसमें बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर नहीं लगी थी।

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