फर्जी निकला बच्चे को किडनैप कर बर्फ में सड़ाने वाला वीडियो, असलियत जान उड़ जाएंगे होश

एशिया न्यूज़ चैनल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की गुआंडोंग प्रांत में एक रिश्तेदार के घर पर डूबने से मौत हो गई थी। गर्मी में शव को सड़ने से रोकने के लिए उसे बर्फ के एक बॉक्स में पैक किया गया था। इसकी खबर चीनी समाचार चैनल सीसीटीवी ने भी दी थी। इसी फुटेज को तोड़-मरोड़कर ये वीडियो बनाया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 11:38 AM IST / Updated: Nov 11 2019, 07:02 PM IST

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक बॉक्स में बच्चे की डेड बॉडी दिखाई गई थी। दावा किया गया था कि कुछ बदमाशों ने बच्चों को किडनैप कर लिया था। फिर बच्चे को इस आइस बॉक्स में छिपा दिया गया था जिससे बच्चे की मौत हो गई थी। वीडियो काफी दर्दनाक था जिसमें कुछ लोग किडनैपर्स को पीट रहे हैं और रोती हुई महिलाएं बच्चे को आइस बॉक्स से निकाल रही थीं।

अब हम आपको इस घटना की सच्चाई बताते हैं। बहुत तेजी से वायरल हुए वीडियो को फर्जी पाया गया है। 30 अक्टूबर को, ट्विटर पर सर हेनरी ने नाम के एक शख्स ने वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें लिखा गया था कि यह देखिए यह अपराधी बच्चों को किडनैप करते ले जाते हैं और उनके अंग काटकर करोड़ों में बेच देते हैं। वीडियो में महिलाएं बच्चे के शव को आइस बॉक्स में निकालती नजर आती है। उनके रोने की आवाज सुन कोई भी दर्द और करुणा से भर जाए।

वीडियो को अलग अलग फ्रेम में कांटने पर खुली पोल

वीडियो वायरल होने और इंटरनेशनल मीडिया पर इसकी कवरेज के बाद। एक ऑनलाइन डिजिटल ने इस खबर की फेक चेकिंग की। इस वीडियो की छान-बीन और कई फ़्रेम में कांट-छांटने के बाद मालूम हुआ कि वीडियो पूरी तरह फर्जी था।

पानी में डूबकर हुई थी बच्चे की मौत

गूगल इमेज चेकिंग में पता चला कि वीडियो चीन के गुआंडोंग प्रांत का है। चैनल न्यूज़ एशिया द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की गुआंडोंग प्रांत में एक रिश्तेदार के घर पर डूबने से मौत हो गई थी। गर्मी में शव को सड़ने से रोकने के लिए उसे बर्फ के एक बॉक्स में पैक किया गया था। इसकी खबर चीनी समाचार चैनल सीसीटीवी ने भी दी थी। इसी फुटेज को तोड़-मरोड़कर ये वीडियो बनाया गया था। 

झूठी खबर फैलाकर वायरल किया गया वीडियो

अमेरिकी फेक चेंकिंग वेबसाइट ने इसकी गहन जांच की और पाया कि अक्टूबर 2019 में इसी क्लिप इस दावे के साथ वायरल किया गया कि "अंगों को बेचने के लिए लगभग 300 बच्चों को सड़ा दिया गया।"  इस खबर से यही सबक मिलता है कि इस तरह की फेक खबरों को शेयर करने से बचना चाहिए।

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