देश में कोरोना को लेकर सरकार सोशल डिस्टेंसिंग की बात कह रही है। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी बीच 45 सेंकेड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है। जिसमें एक व्यक्ति खाने को पैक करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम लड़के ग्राहक तक डिलिवर करने से पहले खाने पर थूकते हैं। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर इस वीडियो की सत्यता क्या है ?
नई दिल्ली. देश में कोरोना को लेकर सरकार सोशल डिस्टेंसिंग की बात कह रही है। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी बीच 45 सेंकेड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है। जिसमें एक व्यक्ति खाने को पैक करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम लड़के ग्राहक तक डिलिवर करने से पहले खाने पर थूकते हैं। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर इस वीडियो की सत्यता क्या है ?
वायरल वीडियो में क्या है ?
45 सेकेंड के इस वीडियो में एक व्यक्ति है जो किसी होटल या रेस्टोरेंट के फूड काउंटर पर खड़े होकर कुछ खाने का सामान पैक कर रहा है। पैक करने से पहले वह अपना मुंह उस पैकेट के नजदीक ले जाता है जिसमें खाना रखा हुआ। वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा। 'जनता कर्फ्यू से क्या होगा जब हमारे देश में इस आदमी के जैसे घातक लोग है? इस पागल को अभी गिरफ़्तार करो'। वहीं दूसरे पोस्ट में तेलंगाना भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रवक्ता रूप दरक ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए इन दुकानों को “बंद” करने की मांग की है।
वीडियो की सच्चाई क्या है ?
हमारी पड़ताल में वीडियो में किया जा रहा दावा गलत निकला है। जब हमने इसकी सच्चाई जानने के लिए गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि ये वीडियो 27 अप्रैल 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। जो की दावे के अनुसार करीब एक साल पहले का है।
साथ ही हमें यह भी पता चला कि यह वीडियो इस वक्त कई देशों में शेयर किया जा रहा है। पीछले साल यह वीडियो मलेशिया में भी वायरल हुआ था। इससे यह साफ है कि यह वीडियों का कोरोना से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि व्यक्ति पैक्ट को फूलाने के लिए फूंक मार रहा है। उसके बाद उसे वह पैक करता है। इससे यह भी साफ है कि वह इसे कोई थूंक नहीं डाल रहा।
ये निकला नतीजा
हालांकि एशिया नेट न्यूज हिंदी इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं करता है। फिर भी यह तो साफ है कि कोरोना संकट के बीच इस वीडियो को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।