साल 2017 में वायरल हुई ये कंकाल की फोटो आपको याद होगी। फोटो को इस दावे के साथ वायरल किया गया किये महिला बेटे का इंतजार करते-करते कंकाल होकर मर गई।
नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं तो साल 2017 में वायरल हुई ये कंकाल की फोटो आपको याद होगी। फोटो को इस दावे के साथ वायरल किया गया किये महिला बेटे का इंतजार करते-करते कंकाल होकर मर गई। मुंबई पुलिस ने भी इस पोस्ट को शेयर किया। पोस्ट में मैसेज कुछ इस प्रकार लिखा गया था- -यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की मां की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। फोटो को 27 फरवरी को शेयर किया गया था जिसें हजारों लाइक्स और शेयर मिल चुके हैं।
ये पोस्ट इमोशनल थी। बेटे का इंतजार करते मर गई मां की कंकाल वाली फोटो लोगों को झकझोर देने वाली थी। ऐसे में लोगों की ममता भड़क उठी और लोग पोस्ट शेयर करने लगे। पर किसी भी खबर और तस्वीर से जुड़ी सच्चाई जानने की जरूरत नहीं समझी। अब हमने इस लंबे चौड़ी कहानी की सच्चाई जानने की कोशिश की है। यकीन मानिए तीन साल पहले जिस तस्वीर ने आपकी रूह कंपा दी थी। दिल रो उठा था उसकी सच्चाई जान आप सकते में आ जाएंगे।
आखिर क्या था पोस्ट में-
यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की मां की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। आशा साहनी के बुढ़ापे की एकमात्र आशा ‘उनके इकलौते बेटे’ ने खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले बीते साल अप्रैल में हुई थी। 23 अप्रैल 2016 को मां ने ऋुतुराज से कहा था कि बेटा! अब अकेले नहीं रह पाती हूँ। या तो अपने पास अमेरिका बुला लो या फिर मुझे किसी ओल्डएज होम में भेज दो। बेटे ऋतुराज ने आशा साहनी को ढाढस दिया कि मां फिक्र न करे, वह जल्द ही इंडिया आएगा। वह सवा साल बाद मॉं से किया वायदा पूरा करने इंडिया आया, पर माँ के हिसाब से देर हो गई और इसी बीच न जाने कब आशा साहनी की मौत हो गई। उन्हें अपनी 63 साल की मां आशा साहनी का कंकाल मिला।
आशा साहनी 10वें फ्लोर पर बड़े से फ़्लैट में अकेले रहती थीं। उनके पति की मौत 2013 में हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक 10वीं मंजिल पर स्थित दोनों फ्लैट साहनी परिवार के ही हैं, इसलिए शायद पड़ोसियों को कोई बदबू नहीं आई। हालांकि पुलिस के मुताबिक यह भी हैरानी की बात है कि किसी मेड या फिर पड़ोसी ने उनके दिखाई न देने पर गौर क्यों नहीं किया। इस रिपोर्ट के मुताबिक मौत का इंतजार ही इस सदी की सबसे खौफनाक बीमारी और आधुनिक जीवन शैली की सबसे बड़ी त्रासदी है। अशक्त मां की करुण पुकार सुनकर भी अनसुना कर देने वाला जब अपना इकलौता बेटा ही हो, तब ऐसे समाज में रिश्ते-नातेदारों से क्या अपेक्षा की जाय? आशा साहनी की मौत ने एक बार फिर चेताया है कि भारत के शहरों में भी सामाजिक ताना-बाना किस कदर बिखर गया है। अब समय नहीं बचा है, अब भारतवर्ष को चेत जाना चाहिए। भारत में भारतीय संस्कृति नहीं बची तो कुछ नहीं बचेगा।”
फैक्ट चेकिंग में सामने आया सच-
ये दिल दहला देने वाली कहानी जिसने भी पढ़ी वह आगे बढ़ाता गया। पोस्ट के शेयर्स हजारों में पहुंच गए तब फैक्ट चेकिंग साइट्स ने इसकी जांच-पड़ताल की। तब इस तस्वीर से जुड़ी सच्चाई हमें पता चला। सोशल मीडिया पर जनता को मूर्ख और भ्रमित बनाने वालों की हरकत का भी पता चली। गूगल पर रिवर्स फोटो जांच सर्च करने पर हमने पाया कि यही तस्वीर 14 अक्टूबर साल 2016 में नाइजीरिया में पाए गए एक कंकाल वाली खबर में भी इस्तेमाल की गई है। खबर थी कि, एक पास्टर के फ्लैट में उसकी बहन का कंकाल पाया गया है। किराया न दे पाने के कारण मकान मालिक ने उसे कमरे में बंद कर दिया था लंबे समय तक बंद रहने के कारण कंकाल बन गई। पूरी खबर इस लिंक पर पढ़ सकते हैं।
क्या दूसरी खबर सच है-
जी हां, दूसरी खबर सच है कि, साल 2016 में नाइजीरिया में पाए गए कंकाल की है। दोनों भाई-बहन ने अपनी छोटी बहन के कंकाल के साथ रह रहे थे। उनका कहना था कि, हमारी बहन एक पवित्र यात्रा पर निकल गई है, हमें उसके लौटने का इंतजार है इसलिए उसके कंकाल के साथ रहने में हमें कोई डर महसूस नहीं होता। बहन के मर्डर के आरोप में भाई-बहन दोनों को ही गिरफ्तार किया गया था।
कौन हैं फिर आशा साहनी-
दरअसल आशा साहनी वाली खबर सच है। 2017 में मुंबई में एक बूढ़ी मां का शव पाया गया था। वह हड्डियों का ढांचा मात्र रह गई थी लेकिन उस खबर के साथ नाइजीरिया वाली खबर की फोटो झूठी थी। खबर सच थी लेकिन तस्वीर फेक इस्तेमाल की गई।