लॉकडाउन में नहीं आएगी पानीपूरी वाले भैया की याद, 1 ट्रिक से घर पर ही बनेंगे फूले-फूले गोलगप्पे

पानीपूरी, गोलगप्पे या फुचका, इस डिश के कई नाम हैं। हमें भले ही ऐसा लगता है कि बेहद चटपटे डिश की दीवानी सिर्फ लड़कियां और महिलाएं हैं, तो आप ग़लतफ़हमी में हैं। मर्दों को भी पानीपूरी उतनी ही भाती है। लॉकडाउन में कई लोगों ने घर पर गोलगप्पे बनाने की कोशिश की। लेकिन  मार्केट जैसी पूरी नहीं बना पाए। आज हम आपको फूली हुई पुरियों की ट्रिक बताने जा रहे हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2020 9:32 AM IST

फूड डेस्क: चटाकेदार पानी, मसालेदार आलू-छोले का मसाला और फूली हुई पूरियां। ये होती है जबरदस्त पानीपूरी की पहचान। इनके बारे में सोचते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन 24 मार्च से लगे लॉकडाउन की वजह से अपने फेवरिट पानीपूरी वाले भैय्या के गोलगप्पे आप भी बेहद मिस कर रहे होंगे। लॉकडाउन में कई लोगों ने इसे घर में बनाने की कोशिश की। लेकिन ज्यादातर लोगों की समस्या रही कि पूरियां फूलती ही नहीं हैं। आज हम आपको इन फूली हुई पुरियों की ट्रिक बताते हैं। 

पूरियों के लिए आवश्यक सामग्री 
हम आपको आटे की पूरियां बनाना सिखाएंगे। ये ना सिर्फ हेल्दी है बल्कि इसका टेस्ट भी बेहद शानदार है। पूरियों के लिए आपको चाहिए 

आटा - 1 कप (150 ग्राम)
सूजी- 3 टेबल स्पून (30 ग्राम)
तेल- तलने के लिए


ऐसे करें तैयारी 
आटे के गोलगप्पे बनाने के लिए सबसे पहले आटा गूंध लें। इसके लिए एक बर्तन में आटा निकालें। इसके बाद इसमें थोड़ा सूजी मिला लें। सूजी मिलाने के पूरियां कुरकुरी बनेंगी। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए पूरी के आटे से भी सख्त आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए। 

गूंथे आटे को आधे घंटे के लिए गीले कपड़े में लपेट कर रखें। आधे घंटे बाद आटे से कपडा हटा लें  और हाथों पर तेल लगाकर आटे को अच्छे से मसल मसल कर चिकना कर लें। 


ऐसे बनाएं पूरियां 
अब तैयार आटे की लोइयां बनाएं और उसे सूती कपड़े को गिला कर उसपर बेल कर रखें। ान इन्हें दूसरे सूती कपड़े से ढंकते जाएं। ऐसे साड़ी पूरियां बेलकर कपड़े के नीचे 15 मिनट तक ढंके रहने दें। फिर कड़ाही में तेल गर्म कर अच्छे से इन पूरियों को दबाकर तलें। लीजिये आपके फूले हुए गोलगप्पे तैयार हैं। 


नोट: 1. गोलगप्पे के लिए आटा सख्त और एकदम चिकना गूंथा होना चाहिए। 
       2. गोलगप्पे को बेलते समय ध्यान रखें कि वो एक समान रूप से बेले जाएं। ये बीच में से पतला न हों और न ही किनारों से मोटे रहें। अगर ऎसा होता है तो गोलगप्पे अच्छे से फूलते नहीं हैं। 


 

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