ज्येष्ठ मास के नियम: करें हनुमानजी की पूजा, सिर्फ एक समय करें भोजन, दिन में न सोएं

उज्जैन. हिंदू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ 27 मई, गुरुवार से शुरू हो चुका है, जो कि 25 जून तक रहेगा। इस महीने का स्वामी मंगल है। ज्येष्ठ मास के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि के साथ ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनता है, इसलिए इस महीने को ज्येष्ठ कहा जाता है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने से जुड़े कुछ नियम भी हैं, जो इस प्रकार हैं…

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2021 3:54 AM IST
16
ज्येष्ठ मास के नियम: करें हनुमानजी की पूजा, सिर्फ एक समय करें भोजन, दिन में न सोएं

1. ग्रंथों के अनुसार इस महीने में दिन में सोने की मनाही है। शरीरिक परेशानी या अन्य समस्या हो तो एक मुहूर्त तक यानी करीब 48 मिनिट तक सो सकते हैं।

26

2. सूर्योदय से पहले स्नान और पूरे महीने जल दान करना चाहिए। इसके साथ ही इस महीने जल व्यर्थ करने से वरुण दोष लगता है इसलिए फालतू पानी बहाने से बचना चाहिए।
 

36

3. इस महीने में बैंगन नहीं खाया जाता। इससे संतान को कष्ट मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार इससे शरीर में वात रोग और गर्मी बढ़ती है। इसलिए पूरे महीने बैंगन खाने से बचना चाहिए।
 

46

4. महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है-

“ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।”

यानी ज्येष्ठ महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। इसलिए संभव हो तो इन दिनों में एक समय भोजन करना चाहिए।
 

56

5. इस महीने में तिल का दान करना बहुत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और स्वास्थ्य सुख भी मिलता है।
 

66

6. ज्येष्ठ महीने का स्वामी मंगल है। इसलिए इन दिनों में हनुमानजी की पूजा का भी बहुत महत्व है। इस महीने हनुमानजी की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos