मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर को, इस विधि से करें व्रत और पूजा, मोक्ष प्रदान करती है ये तिथि

उज्जैन. मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर, शुक्रवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, जो मोक्ष प्रदान करता है। इसी कारण इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इसकी विधि इस प्रकार है-

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2020 3:52 AM IST
110
मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर को, इस विधि से करें व्रत और पूजा, मोक्ष प्रदान करती है ये तिथि

इस विधि से करें एकादशी व्रत...
- मोक्षदा एकादशी की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें।
 

210

- गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं। माखन-मिश्री का भोग लगाएं। पूरे दिन निराहार (बिना कुछ खाए-पिए) रहें। अगर संभव न हो तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।
 

310

- रात में सोए नहीं। सारी रात भजन-कीर्तन आदि करें।इस दिन भगवान श्रीकृष्ण से हमें जाने-अनजाने में किए गए पापों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
 

410

- अगले दिन (26 दिसंबर, शनिवार) सुबह पुन: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें व योग्य ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथा संभव दान देने के बाद ही स्वयं भोजन करें।
 

510

- धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत का फल हजारों यज्ञों से भी अधिक है। रात को भोजन करने वाले को उपवास का आधा फल मिलता है, जबकि निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) व्रत रखने वाले का माहात्म्य तो देवता भी वर्णन नहीं कर सकते।

 

610

मोक्ष प्रदान करता है ये व्रत...

 

710

- महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन मोहग्रस्त हो गए थे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश देकर अर्जुन के मोह का निवारण किया था। उस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी।

810

- तभी से इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

910

- मोक्षदा एकादशी पर श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए गीता के उपदेश से जिस प्रकार अर्जुन का मोहभंग हुआ था, वैसे ही इस एकादशी के प्रभाव से व्रती को लोभ, मोह, द्वेष और समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है।

1010

- पद्म पुराण में लिखा है कि इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, पुनर्जन्म से मुक्ति मिलती है और पितरों को सद्गति मिलती है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos