Dussehra 2022: सभी को सीखनी चाहिए रावण की गलतियों से ये 5 बातें, लाइफ रहेगी टेंशन फ्री
Dussehra 2022: हर साल विजयादशमी पर बुराई के प्रतीक के रूप में रावण के पुतलों का दहन किया जाता है। इस बार ये पर्व 5 अक्टूबर, बुधवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था।
रावण ने तपस्या के बल पर की वरदान प्राप्त कर लिए थे, जिसके बल पर वह अजेय योद्धा बना गया था। अपनी शक्ति के मद में चूर होकर रावण अत्याचारी हो गया। रावण ने लगातार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। यही कारण है कि परम शक्तिशाली होने के बाद भी वह श्रीराम के हाथों मारा गया। इसलिए अगर आपके पास शक्ति है तो उसका सदुपयोग करें न कि दुरुपयोग।
रावण ने हमेशा दुर्बल लोगों को सताया। मनुष्य और वानरों को तो वह अपना भोजन समझता था तभी उसने ब्रह्मा से वरदान मांगा था कि मनुष्य और वानरों के अलावा मेरी मृत्यु और किसी के हाथों न हो। रावण ने तपस्या करने वाले ऋषि-मुनियों पर भी खूब अत्याचार किए। दुर्बल लोगों का श्राप बहुत जल्दी अपना प्रभाव दिखाता है। इसलिए कभी भी ऐसे लोगों को सताना नहीं चाहिए।
रावण परम ज्ञानी था, लेकिन इसके बाद भी उसने कभी महिलाओं का सम्मान नहीं किया। चाहे वो पत्नी हो, बहन या कोई अन्य स्त्री। रावण ने कभी पत्नी की बात नहीं मानी, बहन शूर्पणखा के पति का वध कर दिया और देवी सीता का हरण कर अपने महल में ले आया। इस तरह स्त्रियों का अपमान करने के चलते रावण का सर्वनाश हो गया। इसलिए हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।
रावण की सभा में कई बुजुर्ग मंत्री भी थे, उनमें रावण के नाना भी शामिल थे। उन्होंने रावण को कई बार समझाने की कोशिश की कि श्रीराम से युद्ध उसकी मृत्यु और राक्षस जाति के विनाश का कारण बन सकता है, लेकिन फिर भी रावण ने उनकी एक न सूनी। परिणाम स्वरूप रावण के साथ-साथ कई निर्दोष राक्षस भी मारे गए। इसलिए कहते हैं कि हमेशा बुजुर्गों का कहना मानना चाहिए।
रावण के दो भाई थे- विभीषण और कुंभकर्ण। विभीषण सदैव रावण को सही सलाह देता था, लेकिन ये बातें रावण को कभी समझ नहीं आई। एक दिन रावण ने गुस्से ने विभीषण को लंका से निकाल दिया। परिणाम स्वरूप विभीषण ने जाकर कई गुप्त बातें श्रीराम को बता दी, इसी वजह से यु्द्ध में रावण को हार का सामना करना पड़ा। इसलिए भाइयों से विवाद न करें।