प्यालों में थूककर मौलाना बदरुद्दीन तैयार करता है 'जादुई पानी'? रैली में आए लोगों में होता है पानी का क्रेज

असम में विधानसभा चुनाव के दौरान एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि रैली में आए लोग कटोरा लेकर खड़े हैं और मौलाना अजमल उसमें फूंक मार रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो शेयर कर लिखा, "बदबुद्दीन अजमल लोगो के प्यालों में थूक रहा है वो भी Covid समय में। क्या बदसलूकी है?" ऐसे में बताते हैं कि असम की राजनीति में प्याले में फूंकने की क्या राजनीति है और ऐसा करने के पीछे क्या वजह है?
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 6:46 AM IST / Updated: Apr 07 2021, 12:43 PM IST
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प्यालों में थूककर मौलाना बदरुद्दीन तैयार करता है 'जादुई पानी'? रैली में आए लोगों में होता है पानी का क्रेज

साल 2016 में भी मौलाना ने बांटा था जादुई पानी
सबसे पहली बात तो ये कि ये वीडियो कब का है इसकी अभी तक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी मौलाना अजमल ने ऐसा ही किया था। तब मीडिया में चला था जादुई पानी लो और वोट दो। लेकिन ये जादुई पानी क्या बला है?

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जादुई पानी पीने से बीमारी ठीक होने का दावा
दरअसल, मौलाना अजमल की रैलियों में आने वाले लोग अपने साथ पानी लेकर आते हैं। इसके बाद मौलाना अजमल उस पानी में फूंक मारते हैं। यहां स्थानीय लोगों का मानना है कि मौलाना अजमल का फूंक मारा हुआ पानी पीने से बीमारियां ठीक हो जाती है। रैली में आए लोग कहते हैं, फूंक वाला पानी पीने से शरीर अच्छा रहता है। इसलिए लोग पानी लेकर आते हैं। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि कोई बीमारी है तो उसके लिए अच्छा होगा। फूक में चमत्कार छिपा है। पानी में फूक मार दें तो उससे ठीक हो जाएंगे। 
 

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मौलाना अजमल का परफ्यूम का बिजनेस है
असम की पॉलिटिक्स में मौलाना अजमल का अच्छा दखल है। सेंट और परफ्यूम का बिजनेस करने वाले मौलाना अजमल साहब कासमी 17वीं लोक सभा के सांसद हैं। वे 2019 में असम के धुबरी सीट से 'आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट' पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। कासमी लगातार तीन बार 2009, 2014 और 2019 लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। 
 

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नगांव में जन्मे, दारुल उलूम से पढ़ाई की
12 फरवरी, 1950 को नगांव में जन्मे कासमी ने 'दारुल उलूम देवबंद' से पढ़ाई की। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय में कांग्रेस सरकार ने इन्हें पहचानने से मना कर दिया था, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कासमी की पार्टी से गठबंधन किया है।
 

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2005 में  AIUDF ने स्थापना की
65 साल के अजमल कासमी ने 2005 में आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(AIUDF) ने स्थापना की थी। तब 2006 में असम की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने अजमल को पहचानने से तक इनकार कर दिया था। लेकिन आज परिस्थतियां बदल गई हैं। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनकी पार्टी के साथ गठबंधन किया है।
 

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कारोबार 50 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है
मौलाना अजमल सेंट-परफ्यूम का बिजनेस करते हैं। उनका कारोबार 50 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। माना जाता है कि उनकी पार्टी AIUDF का बंगाली मूल के मुस्लिमों पर गहरा प्रभाव है।

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