गाड़ी बनाने के नियम में हो रहे हैं बड़े बदलाव, 1 अप्रैल से और भी सुरक्षित हो जाएगी आपकी कार
ऑटो डेस्क। भारत सरकार 1 अप्रैल से कार में फ्रंट एयरबैग (Airbag) रखना जरूरी बनाने जा रही है। परिवहन मंत्रालय (Ministry of Transport) ने इस बारे में कानून मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) को एक प्रस्ताव भेजा था कि कार में फ्ंट एयरबैग को मैंडेटरी बनाने के नोटिफिकेशन को मंजूर किया जाए। जानकारी के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने परविहन मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। अब जल्द ही यह नियम लागू हो जाएगा।
(फाइल फोटो)
परिवहन मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस साल 31 अगस्त तक बिना एयरबैग के बिना सड़कों पर वाहन निकालने की किसी हाल में अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, कार के नए मॉडल्स में यह नियम 1 अप्रैल से ही लागू हो जाएगा। (फाइल फोटो)
अब ज्यादातर कार निर्माता कंपनियां अपने टॉप मॉडल्स में पहले से ही एयरबैग की सुविधा देती हैं। हालांकि, ज्यादातर कारों में अभी भी सिर्फ ड्राइवर सीट पर एयरबैग लगे होते हैं, लेकिन नया नियम लागू हो जाने के बाद अब फ्रंट पर दोनों सीट पर एयरबैग लगाना अनिवार्य हो जाएगा। (फाइल फोटो)
बता दें कि सरकार के इस फैसले से एयरबैग बनाने वाली कंपनियों को काफी फायदा होगा। भारत में चेन्नई में राणे (Rane Madras) एयरबैग बनाने वाली सबसे बड़ी भारतीय कंपनी है। इंटरनेशनल कंपनी बोश (Bosh) भी अच्छे क्वालिटी के एयरबैग बनाती है। सरकार के इस फैसले से इन कंपनियों को काफी फायदा होगा। (फाइल फोटो)
कार में एयरबैग होने से एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर और पैसेंजर की जान बच जाती है। जैसे ही कार दूसरे वाहन या किसी चीज से टकराती है, तो एयरबैग गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं। इससे कार में सामने की सीट पर बैठे लोग डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकरा नहीं पाते और उनकी जान बच जाती है। (फाइल फोटो)
बता दें कि एक्सीडेंट के समय ज्यादातर लोगों की मौत सिर के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकाराने की वजह से होती है। एयरबैग कॉटन के होते हैं और इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है। एयरबैग के अंदर सोडियम एजाइड (sodium azide) भरी होती है। (फाइल फोटो)
कार के बंपर पर एक सेंसर लगा होता है। जैसे ही कार किसी चीज से टकराती है, तो सेंसर से करंट एयरबैग में पहुंचता है। इससे एयरबैग के अंदर सोडियम एजाइड गैस बैग को गुब्बारे की तरह फुला देती है। बता दें कि एयरबैग को खुलने में 1 सेंकड से भी कम समय लगता है। (फाइल फोटो)