भारत से कमाई और चीन में नौकरियां, मोदी सरकार में नहीं होगा संभव, Tesla को दो टूक जवाब

ऑटो डेस्क, India wants Tesla to manufacture its EVs locally :  भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की एंट्री टलती जा रही है।  अमेरिकी ऑटो कंपनी अपने आयात शुल्क में कटौती चाहती है, वहीं भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला स्थानीय स्तर पर कारों का निर्माण करे। केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर (Union Minister Krishan Pal Gurjar) ने हाल ही में स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां बाजार भारत हो लेकिन चीन में रोजगार पैदा हो। मौजूदा समय में टेस्ला अमेरिका से बाहर जर्मनी और चीन में कारों का प्रोडक्शन करती है। टेस्ला अपनी चीन की फैक्ट्री में बनी कारों को  एशिया और यूरोपीय बाजारों में निर्यात करती है। देखें संसद में इस मुद्दे पर सरकार ने क्या कहा...

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2022 6:39 AM IST / Updated: Feb 09 2022, 12:24 PM IST
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भारत से कमाई और चीन में नौकरियां, मोदी सरकार में नहीं होगा संभव, Tesla को दो टूक जवाब

भारत सरकार पहले स्पष्ट कर चुकी है कि किसी भी कर रियायत पर विचार करने से पहले टेस्ला को स्थानीय रूप से निर्माण करने की आवश्यकता है। वहीं मंगलवार को लोकसभा में टेस्ला पर एक सवाल के जवाब में, भारी उद्योग राज्य मंत्री गुर्जर ने एक बार फिर सरकार की स्थिति स्पष्ट की है।  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते साल स्पष्ट कहा था कि टेस्ला भारत में  चाइना में बनी गाड़ियों को डम्प करने के बजाय यहीं फैक्ट्री लगाने पर काम करे। 


 

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गुर्जर ने  कहा, "कंपनी चीन में रोजगार और भारत में व्यापार करना चाहती है। मोदी सरकार में यह संभव नहीं है। हमारी सरकार की नीति है कि अगर भारत के बाजार का इस्तेमाल करना है तो भारतीयों को रोजगार के अवसर देने होंगे।"

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भारत चाहता है कि टेस्ला स्थानीय रूप से अपने ईवी का निर्माण करे। चीन के शंघाई में टेस्ला की सुविधा सबसे बड़ी है और न केवल चीनी बाजार के लिए आधार के रूप में कार्य करती है बल्कि यहां निर्मित उत्पादों को कई यूरोपीय बाजारों में भी भेजा जाता है।

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कांग्रेस के लोकसभा मेंबर  सुरेश के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। "मंत्री ने कांग्रेस सदस्य से पूछा, क्या वे चाहते हैं कि भारत का पैसा चीन में जाए ?" । "उस कंपनी ने हमारी नीति के अनुसार आवेदन नहीं किया है। उसके लिए (कंपनी), भारत के दरवाजे खुले हैं, वे नीति के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। कंपनी स्थापित करो, हमारे लोगों को रोजगार दो, सरकारी राजस्व बढ़ाओ।"

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भारत में EV movement  लगातार तेज गति पकड़ रही है। इस समय बड़े पैमाने पर दो और तीन-पहिया इवी वाहनों की मांग बढ़ी है। मर्सिडीज-बेंज, ऑडी, जगुआर लैंड रोवर और बीएमडब्ल्यू (Mercedes-Benz, Audi, Jaguar Land Rover and BMW)जैसी लग्जरी कार निर्माता अपने उत्पाद लेकर लाए हैं, जबकि टाटा मोटर्स, हुंडई और एमजी मोटर इंडिया (Tata Motors, Hyundai and MG Motor India) जैसी कंपनियां बड़े पैमाने पर विकल्प उपलब्ध करा रही हैं। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी टेस्ला अब भी इंडिया में एंट्री के लिए अपनी शर्तों पर अड़ी है।

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टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) ने हाल ही में एक ट्वीट के जवाब में कहा कि उनकी कंपनी 'सरकार के साथ चुनौतियों' के कारण अभी भारत में नहीं है। कई राज्य सरकारों ने मस्क को आमंत्रित करने और लुभाने के लिए ऑफर दिए हैं।। पश्चिम बंगाल से लेकर पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक  तेलंगाना जैसे राज्यों ने एलन मस्क को न्योता भेजा है। 

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चीन के शंघाई (China's Shanghai) में टेस्ला कंपनी की सबसे बड़ी प्रोडक्शन फैकट्री है, यहां से न केवल चीनी बाजार के लिए बल्कि यहां निर्मित उत्पादों को कई यूरोपीय बाजारों में भी भेजा जाता है। 

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भारत में भी चीन की बनी कारें बेची जाएंगी, ये मोदी सरकार को मंजूर नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने से उन कंपनियों को झटका लगेगा, जिन्होंने सरकार की मंशा के अनुरुप भारत में अपनी कंपनियों का प्रोडक्शन यूनिट शुरू की है। 

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