भारत में कितना उपयोगी है कार में Sunroof, फैशन के चक्कर में आफत तो नहीं मोल ले रहे, देखें पूरी डिटेल

ऑटो डेस्क । आधुनिक कारों में सनरूफ का फैशन बढ़ता जा रहा है। मीडियम फैमिली भी कार खरीदते समय ये सुविधा जरुर चेक करते हैं। ऑटो सेक्टर में अब किफायती कारों में भी ये फीचर शामिल किया जाने लगा है। हालांकि इसके बाद कारों की कीमतों में इजाफा हो जाता है।  भारत जैसे देश में क्या सनरूफ वाली कारों की जरुरत है, या फिर ये सिर्फ शौक के लिए इसकी डिमांड बढ़ गई है। Sunroof का गर्मियों,सर्दियों और बारिश के मौसम में क्या प्रभाव पड़ता है। क्या ये हर मौसम में आपके लिए मुफीद है। देखिए इसके फायदे और नुकसान...

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2022 3:53 PM IST / Updated: Feb 14 2022, 09:31 PM IST
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भारत में कितना उपयोगी है कार में Sunroof, फैशन के चक्कर में आफत तो नहीं मोल ले रहे, देखें पूरी डिटेल

क्या होता है सनरूफ
सनरूफ कार की सीलिंग में लगा पारदर्शी मूवेबल पैनल होता है जिसे हम टिल्ट करके या स्लाइड करके ओपन सकते हैं। सनरूफ  मैनुअल और इलेक्ट्रिक दोनों हो सकते हैं। इलेक्ट्रिक सनरूफ को एक स्विच के जरिए खोला या बंद किया जा सकता है। कारों में इसके लिए वॉइस कमांड का फीचर भी आने लगा है। इस समय पैनोरमिक सनरूफ का ट्रैंड है। ये सनरूफ आगे और पीछे दोनों ही सीट्स को कवर करता है। पैनोरमिक सनरूफ में पिछला ग्लास पैनल फिक्स होता है और इसे ओपन करने पर फ्रंट पैनल ही पीछे की ओर स्लाइड होता है।

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सनरूफ का फायदा
सनरूफ होने पर केबिन में नेचुरल लाइट मिलती है। ताजी हवा भी कार सवार को मिलती रहती है। इसके जरिए बाहर का नजारा भी साफ दिखाई देता है। सुहाने मौसम में ड्राइविंग का अलग ही आनंद आता है। केबिन में हवा का बैलेंस के लिए विंडो से ज्यादा उपयोगी सनरूफ होता है। सनरूफ खोलकर आराम से केबिन में हवा का संतुलन बनाया जा सकता है।
 

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गर्मियों में मंहगा पड़ता है सनरूफ 
सनरूफ के लिए कार की सीलिंग को थोड़ा नीचे रखना पड़ता है जिससे केबिन में हेडरूम स्पेस कम मिलता है। वहीं सनरूफ ग्लास पैनल से बनी होती है ऐसे में ये जल्दी गर्म हो जाते हैं। इसका सीधा प्रभाव केबिन के अंदर पड़ता है।

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भारत में साल के 8 महीने औसत गर्मी रहती है। गर्मी के मौसम में ये तकलीफदायक हो जाता है। इस मौसम में गाड़ियो के एसी पर ज्यादा लोड पड़ता है। केबिन भी देर से ठंडा होता है। वहीं सर्दी के मौसम में भी सनरूफ खुला छोड़ने पर ब्लोवर की हवा प्रभावित होती है। 

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बढ़ जाता है कार का वजन
सनरूफ 20 से 30 किलो तक भारी होता है । ऐसे में वजन बढ़ने से कार का माइलेज भी कम हो जाता है। गाड़ी में जितना अधिक वजन होता है इंजन उतना ही दबाव महसूस करता है। इससे फ्यूल की खपत भी बढ़ जाती है।

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ओला-बारिश, एक्सीडेंट में होती है बड़ी क्षति 
सनरूफ को रबर से पैक किया जाता है, रबर घिसने पर पर इसमें से बारिश का पानी रिसने लगता है। बारिश के दिनों में बिना मेंटेनेंस के आप घर से बाहर कार नहीं निकाल सकते हैं। ये आपकी तकलीफ को कई गुना बढ़ा देती है। ​इससे कार की सीटें भी खराब हो सकती हैं। वहीं एक्सीडेंट में सनरूफ टूटने से कारसवारों को बड़ा नुकसान हो सकता है। 

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महंगा शौक है सनरूफ
 सनरूफ रिपेयर कराने पर खर्च भी बहुत आता है। यदि इसे बदलवाना हो तो फिर कार चालक को दल बार सोचना पड़ता है। इसका को विकल्प भी नहीं होता है। इसमें थोड़ा भी फेरबदल कार के लुक को खराब कर देता है। ऐसे में इन सब बातों पर गंभीरता से  विचार करने के बाद ही सनरूफ वाली कार खरीदें। 

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