इलेक्ट्रिक हाईवे का ऐेसे होगा निर्माण
दुनिया में तीन अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक हाईवे (electric highway) में इस्तेमाल होती हैं। स्वीडन में उपयोग की जाने वाली टेक्नालॉजी भारत के हिसाब से मुफीद है, इसलिए ये संभावना है कि देश में ये काम स्वीडन की कंपनियां करें। बता दें कि स्वीडन में पेंटोग्राफ मॉडल इस्तेमाल किया जाता है, जो भारत में ट्रेनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सड़क के ऊपर एक वायर लगाया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रिसिटी का फ्लो किया जाता है। एक पेंटोग्राफ के जरिए इस इलेक्ट्रिसिटी को वाहन में सप्लाई किया जाता है। ये इलेक्ट्रिसिटी डायरेक्ट इंजन को पॉवर देती है या वाहन में लगी बैटरी को चार्ज करती है।
स्वीडन और जर्मनी में जो इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल होते हैं, उनमें हाइब्रिड इंजन होता है, यानी वे इलेक्ट्रिसिटी के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल से भी चल सकते हैं। ये तकनीक इसलिए भी भारत में कारगर हो सकती है।