मंदिरों में भजन गाकर गुजारा करते थे मनोज तिवारी फिर रातों रात ऐसे बदली थी किस्मत
मुंबई. भोजपुरी फिल्मों से राजनीति तक का सफर तय करने वाले एक्टर मनोज तिवारी आज अपना 49वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 1 फरवरी 1971 को हुआ था। मनोज तिवारी आज जिस मुकाम पर हैं उस पर पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया, जिसकी वजह से वो आज वो बीजेपी से दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष हैं। आज भले ही वो भोजपुरी सिनेमा से दूर हैं, लेकिन अक्सर इवेंट्स और शोज में नजर आते हैं। मनोज तिवारी के बर्थडे पर उनकी लाइफ से जुड़ी बातें बता रहे हैं।
मनोज तिवारी ने अपने करियर की शुरुआत सबसे पहले गायिकी से की थी। उन्होंने वाराणसी के शीतला घाट और अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर से ही अपने संगीत के करियर की शुरुआत की थी। एक इंटरव्यू में मनोज के करीबी ने बताया था कि अजय चौबे ने बताया था कि एक बार 1993-94 में सावन के समय नागपंचमी के दिन महावीर मंदिर पर जगराता चल रहा था।
हर साल की तरह मनोज तिवारी गीत प्रस्तुत करने स्टेज पर आए। उनके सिर में चोट लगी थी और खून बहने लगा था। सबने उन्हें गाने से मना किया, लेकिन मनोज पर धुन सवार थी। वो भक्ति में इस तरह लीन थे कि वो रुके नहीं और अंत तक गाते रहे। अजय ने ये भी बताया था कि इसी दिन के बाद से उनके पास फिल्मों में सॉन्ग्स गाने के लिए कई ऑफर आने लगे थे।
इसके साथ ही शीतला मंदिर के छोटे पुजारी दिनेश ने एक बार बताया था कि 1991 में गंगा आरती शुरू हुई थी। पहली बार भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को आरती गाने के लिए बुलाया गया था। उस समय उनको कोई प्लेटफार्म नहीं मिला था।
साल 1995 में उन्हें छोटे-मोटे कार्यक्रमों के ऑफर आने लगे। उसी समय उनका एलबम 'शीतला घाट पे काशी में' का गीत 'बाड़ी शेर पर सवार' मार्केट में आया। इस गाने ने खूब लोकप्रियता बटोरी। इसके बाद शीतला मां की कृपा से मनोज को भक्ति एलबमों के कई ऑफर मिले। ऐसे में वह हर साल शीतला घाट पर होने वाले महोत्सव में वो जरूर जाने लगे।
इसीलिए, मनोज तिवारी की चमकी किस्मत के पीछे गंगी मइया का आशीर्वाद और शीतला माता की कृपा मानी जाती है। अब वो दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष हैं, जिनका नाम मुख्यमंत्री के दावेदार के लिए सामने भी आ रहा है। लोग कयास लगा रहे हैं कि अगर बीजेपी दिल्ली इलेक्शन जीतेगी तो दिल्ली के अगले सीएम मनोज तिवारी हो सकते हैं।
मनोज तिवारी के करीबी अजय ने बताया था कि उन्हें फुर्सत के पलों में बुलेट की सवारी का शौक है। जब भी मनोज तिवारी बनारस जाते हैं तो दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना नहीं भूलते हैं। वो मस्ती करने के लिए दोस्तों के साथ बुलेट पर सवारी भी करते हैं।
मनोज तिवारी को तमाम संघर्षों के बाद साल 2003 में पहली फिल्म 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' मिली थी। यह भोजपुरी फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। कहा जाता है कि इस फिल्म ने 3 करोड़ से भी ज्यादा का बिजनेस किया था। यह फिल्म 32 हफ्तों तक सिनेमा घरों में हाउसफुल चली थी।
मनोज तिवारी के साथ इस फिल्म में भोजपुरी की हॉट और बोल्ड एक्ट्रेस रानी चटर्जी ने भी लीड रोल प्ले किया था। एक्ट्रेस ने भी भोजपुरी में इसी फिल्म से करियर की शुरुआत की थी। तब उनकी उम्र महज 15 साल थी।
मनोज तिवारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। 1987-88 में सोशल साइंस के स्टूडेंट थे। उनकी रूचि खेलों में भी थी। वह एक बेहतरीन क्रिकेटर भी थे।