एक थप्पड़ ने इस शख्स को बनाया नेता से बाहुबली, जेल में भी लगाता था दरबार, ये है पूरी कहानी

पटना  (Bihar) । आरजेडी के सहारे सियासत के रास्ते पर आगे बढ़ने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन की पहचान बिहार के बाहुबली नेताओं के रूप में होती रही है। हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण समेत तमाम संगीन अपराधों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है। वहीं कई आपराधिक मामलों में शहाबुद्दीन को कोर्ट से सजा भी मिल चुकी है और वो इस समय जेल में हैं। बताते हैं कि15 मार्च 2001 में ही पुलिस जब राजद के एक नेता के खिलाफ वारंट पर गिरफ्तारी करने दूसरे दिन दारोगा राय कॉलेज में पहुंची तो शहाबुद्दीन ने गिरफ्तार करने आए अधिकारी संजीव कुमार को ही थप्पड़ मार दिया था। उनके सहयोगियों ने पुलिस वालों की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद बिहार पुलिस शहाबुद्दीन पर कार्रवाई की कोशिश में अपराध की दुनिया में पैर रख दिया। कहा तो यहां तक जाता है कि शहाबुद्दीन का एक समय ऐसा भी था, जब जेल में बुधवार को दरबार लगाता था। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 1, 2020 1:46 PM IST / Updated: Sep 02 2020, 05:10 PM IST
18
एक थप्पड़ ने इस शख्स को बनाया नेता से बाहुबली, जेल में भी लगाता था दरबार, ये है पूरी कहानी


मोहम्मद शहबुद्दीन का जन्म मगध के प्रतापपुर में 10 मई 1967 को हुआ। वह एक आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेता हैं। लालू की आरजेडी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। सीवान सीट से चार बार सांसद और दो बार विधायक भी बने।

(फाइल फोटो)

28


1980 में डीएवी कॉलेज से राजनीति में कदम रखने वाले शहाबुद्दीन ने माकपा व भाकपा (माक्र्सवादी-लेनिनवादी) के खिलाफ जमकर लोहा लिया। इलाके में ताकतवर राजनेता के तौर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। भाकपा माले के साथ उनका तीखा टकराव रहा। 

(फाइल फोटो)

38

सीवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन पर 1986 में हुसैनगंज थाने में पहला आपराधिक केस दर्ज हुआ। फिर तो इसके बाद उनके खिलाफ लगातार मामले दर्ज होते चले गए। इस वजह से देश की क्रिमिनल हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट में वे शामिल हो गया।

(फाइल फोटो)

48

1993 से 2001 के बीच सीवान में भाकपा माले के 18 समर्थक व कार्यकर्ताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर व वरिष्ठ नेता श्यामनारायण भी इसमें शामिल थे। इनकी हत्या सीवान शहर में 31 मार्च 1997 को कर दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी।

(फाइल फोटो)

58

शहाबुद्दीन ने 2004 में जेल से चुनाव लड़ा और जीता। पुलिस द्वारा गवाह नहीं पेश करने की वजह से उन्हें बाइज्जत बरी भी कर दिया गया। लेकिन, 2005 में दिल्ली से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 

(फाइल फोटो)

68

तेजाबकांड के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की डीएवी कॉलेज मोड़ पर 16 जून, 14 को साढ़े आठ बजे रात में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। राजीव रौशन के पिता चंदाबाबू ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन पर साजिश रचने व उनके पुत्र ओसामा पर गोली मारने का आरोप लगाया गया था।

(फाइल फोटो)

78


पुलिस ने शहाबुद्दीन को इस मामले में रिमांड कर दिया और उनके पुत्र के बिन्दु पर जांच करने लगी। इस मामले में सीवान कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में अपील की गई थी। लेकिन, जमानत नहीं मिली। (फाइल फोटो)

88


तेजाब से नहलाकर दो सहोदर भाईयों की हत्या करने के आरोप में स्पेशल जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने 11 दिसम्बर को राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही अन्य आरोपित शेख असलम, राजकुमार साह व मो. आरिफ को भी सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए सभी पर जुर्माना लगाया था।
 

(फाइल फोटो)
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos