पटना (Bihar) । कहते हैं प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती है और न ही उसे मंजिल तक पहुंचने से कोई रोक सकता है। जी हां कुछ ऐसा ही सिद्ध कर दिखाया था महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने, जिन्होंने लगन और बुद्धि की वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त की। बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए पटना विश्वविद्यालय ने अपना नियम तक उनके लिए बदल दिया था। डॉ एनएस नागेंद्रनाथ (जिन्होंने सीवी रमण के साथ काम किया था) ने उन्हें एक साल में बीएससी और एक साल में एमएससी की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका गए और फिर देश का नाम रोशन किए। हालांकि वह 40 साल से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे और साल 2019 में उनका निधन हो गया। मगर, लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।
(बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी हलचल के बीच हम अपने पाठकों को 'बिहार के लाल' सीरीज में कई हस्तियों से रूबरू करा रहे हैं। इस सीरीज में राजनीति से अलग उन हस्तियों के संघर्ष और उपलब्धि के बारे में बताया जा रहा है जिन्होंने न सिर्फ बिहार बल्कि देश दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। आज की हस्ती बिहार के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह हैं।)