10वीं क्लास तक वहीं पढ़ने करने के बाद पिता ने उनको पटना भेज दिया था। वो साल भर केवल दाल चावल या खिचड़ी ही खाते थे। एक कमरे में वो रहते थे, जिसमें ऊपर टिन पड़ी रहती थी। उन्होंने यहीं से 12वीं पास की और घरवालों, मित्रों के कहने पर एक होटल मैनेजमेंट के छोटे कोर्स में एडमीशन ले लिया। लेकिन, वो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आ गए थे। (फाइल फोटो)