पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Polls) की घोषणा हो गई है और एक बार फिर राजनीति में बाहुबलियों का प्रसंग उठने लगा है। हालांकि इस बार चुनाव आयोग ने दागी छवि के नेताओं के विधानसभा पहुंचने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। वैसे हमेशा से ही दागी और बाहुबली नेता राजनीति के चोर दरवाजे से बिहार की विधानसभा और लोकसभा पहुंचते रहे हैं। खासकर 80 के दशक के बाद बिहार में राजनीति और "साधन सम्पन्न" बाहुबल एक-दूसरे के पर्याय बन गए थे। कहते हैं कि इमरजेंसी के बाद राज्य में जिस समाजवाद की नई राजनीति का उभार हुआ वो बाहुबलियों के संसाधन से ही सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे।