23 जनवरी 2015 को आरा कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट हुआ था। इस बम ब्लास्ट में एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे। इसी मामले में पूर्व विधायक सुनील पांडेय को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। 11 जुलाई 2015 को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। 2019 में पूर्व विधायक सुनील पांडेय को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। वह दो बार विधायक रह चुके हैं। किडनैपिंग, हत्या जैसे मामलों नाम आया था।