इस्तीफे से भावुक हुए जेल में बंद लालू, चर्चा में चिट्ठी; बिहार में रघुवंश को लेकर ऐसी है अटकलबाजी

पटना (Bihar) । राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के हनुमान समझे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे के बाद जदयू, भाजपा और कांग्रेस की ओर से उन्हें ऑफर मिलने लगे हैं। खबर है कि जदयू ने सभापति तो भाजपा तत्काल राज्यपाल तक बनाने का ऑफर दे दिया है। वहीं, लालू ने जेल से डॉ. रघुवंश को एक भावुक चिट्ठी लिखी है। एक दिन पहले रघुवंश ने अस्पताल से लालू को चिट्ठी लिखकर 32 सालों से उनके पीछे खड़े रहने की बात याद दिलाते हुए अब साथ छोड़ने का ऐलान किया था। हालांकि अब तक उनके इस्तीफे को राजद अध्यक्ष लालू ने स्वीकार नहीं किया है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2020 4:21 AM IST / Updated: Sep 13 2020, 03:12 PM IST

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इस्तीफे से भावुक हुए जेल में बंद लालू, चर्चा में चिट्ठी; बिहार में रघुवंश को लेकर ऐसी है अटकलबाजी

लालू यादव भ्रष्टाचार के मामले में रांची की जेल में बंद हैं। यहां खराब तबियत की वजह से उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है। रघुवंश की चिट्ठी के बाद लालू ने भी रिम्स से ही एक भावुक चिट्ठी जारी कर रघुवंश की चिट्ठी पर सवाल उठाया। लालू ने कहा- आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है। मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा। अभी मेरे, परिवार और मेरे साथ मिलकर राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है।

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लालू ने लिखा है कि चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार विमर्श किया है। आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं। समझ लीजिए।

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रघुवंश प्रसाद सिंह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा एक साधारण पन्ने पर लिखकर सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने लिखा- जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता, कार्यकर्ता और आमजनों ने बड़ा स्नेह दिया। मुझे क्षमा करें।

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रघुवंश की चिट्ठी से राजद के पुराने नेता और कार्यकर्ता स्तब्ध हैं। इस्तीफा प्रकरण पर सवाल हो रहा है कि रघुवंश सिंह का पार्टी से अलग होना क्या राजद में लालू युग के अंत की शुरुआत है। संभवत: वे उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद लालू को पहले विपक्ष का नेता और फिर मुख्यमंत्री बनवाने में बड़ी भूमिका निभाई।

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राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा आम है कि रघुवंश जदयू में जा सकते हैं। पर भाजपा और कांग्रेस भी उन्हें अपने पाले में मिलाने के लिए बेचैन नजर आ रही हैं। खबरों के मुताबिक जदयू ने उन्हें विधानपरिषद का सभापति बनने का ऑफर दिया है। विधानपरिषद की कई सीटें खाली हैं। ऐसा इसलिए कि निकट भविष्य में राज्यसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं होना है।
(फाइल फोटो)

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खबर यह भी है कि बीजेपी से उन्हें राज्यसभा सांसद और तत्काल राज्यपाल बनाने को भी तैयार है। बीजेपी आलाकमान लगातार उनके संपर्क में है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनकी निकटता जगजाहिर है।(फाइल फोटो)

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