पटना (Bihar) । कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण से लड़ते हुए बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) कराने की तैयारी में निर्वाचन आयोग (Election Commission) जुटा हुआ है। लेकिन, मौजूदा समय में 16 बाढ़ प्रभावित जिलों में उसे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि एक अनुमान के मुताबिक करीब दो हजार बूथ ऐसे हैं, जहां अभी भी कमर के बराबर पानी लगा हुआ है। हालांकि अधिकारी पानी कम होने की उम्मीद लगाए हैं। लेकिन, मौसम विभाग के अनुमान ने टेंशन और बढ़ा दिया है। जी हां खबर आ रही है कि मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि बिहार के कई हिस्सा में मानसून फिर लौट रहा है। ऐसे में चुनाव का हिसाब-किताब बिगड़ सकता है। बता दें कि बिहार की 243 सीटों में 28 अक्टूबर, तीन और सात नवंबर को मतदान होना है।
बात अगर बाढ़ प्रभावित जिलों की करें तो इनमें सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण,समस्तीपुर,मधुबनी, शिवहर, ,गोपालगंज,खगड़िया, सारण व सिवान, सुपौल, किशनगंज,,मधेपुरा और सहरसा जिले शामिल हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाढ़ से प्रभावित 16 जिलों के 2000 बूथ ऐसे हैं, जिन पर चुनाव कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि ये बूथ बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूबे हुए हैं।(फाइल फोटो)
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बताते हैं कि इन जिलों के करीब दो हजार मतदान केंद्र पर कमर तक के बराबर पानी लगा है। वहीं, छपरा जिले के पानापुर, तरैया, मशरक, अमनौर और मकेर प्रखंड में दोबारा बाढ़ की नौबत आ गई है। यह एरिया तरैया व अमनौर विस क्षेत्र में आता है। तरैया विधानसभा के पानापुर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगडीहा तो तीसरी बार बाढ़ के पानी में डूब गया है। कमोवेश यही स्थिति अन्य कुछ जिलों की है।(फाइल फोटो)
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अधिकारियों और गांव के लोगों का मानना है कि मतदान तक पानी कम हो सकता है। वहीं, मौसम विभाग से खबर है कि मानसून फिर से लौट रहा है। ऐसे में एक बार फिर बारिश का संकट मंडराने लगा है। सवाल ये है कि यदि एक बार फिर झमाझम बारिश होती है, तो मतदान कहां और कैसे होगा?(फाइल फोटो)
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बताते चले कि निर्वाचन आयोग ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बिहार में इस बार बूथों की संख्या में 62.96 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। आंकड़ों के मुताबिक 2015 में 65,367 बूथ थे, जिनकी संख्या बढ़ाकर अब 1 लाख छह हजार 526 कर दी गई है।(फाइल फोटो)