बिहार के ये हैं पांच बाहुबली, जिन्होंने अपराध से अब कर ली है तौबा, लोगों की सेवा करना बताते हैं धर्म

Published : Sep 29, 2020, 06:08 PM ISTUpdated : Oct 01, 2020, 01:45 PM IST

पटना (Bihar) । बिहार में कभी बाहुबलियों का ही राज चलता था। लेकिन, आज स्थिति बदल गई है। आज हम आपको पांच ऐसे बाहुबलियों के बारे में बता रहे हैं, जो पहले कानून को खिलौना समझते थे। लेकिन, उसी कानून का डंडा उनपर ऐसा चला कि वो अपराध से तौबा कर लिए और राजनीति का सहारा लेकर जनता के सेवक बन गए। हालांकि इसमें कुछ अपने गुनाहों की सजा अभी जेल की सलाखों के पीछे काट रहे हैं। बता दें कि इनमें कई ऐसे चेहरे भी शामिल हैं, जिनके नाम से लोग डरते थे। मगर, आज उनके परिवार के लोग दुःख दर्द बांटते दिखते हैं।

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बिहार के ये हैं पांच बाहुबली, जिन्होंने अपराध से अब कर ली है तौबा, लोगों की सेवा करना बताते हैं धर्म

इस समय जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव 1990 के दशक में अपनी दबंगई से लिए जाने जाते थे। उनके खिलाफ 15 से ज्यादा आपराधिक मामले बताए जाते हैं। उनपर कानून का शिकंजा तब कसा गया था जब कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक अजीत सरकार की हत्या हुई थी। हत्या के आरोप में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। वह कई बार लोकसभा सांसद के रूप में बिहार का प्रतिनिधित्व भी किए। अब पप्पू यादव अब पूरी तरह से राजनीति और समाज कार्यों में ही सक्रिय रहते हैं।
(फाइल फोटो)

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आनंद मोहन एक जमाने में उत्तरी बिहार के कोसी क्षेत्र के बाहुबली कहलाते थे। लेकिन जब उनपर कानून का शिकंजा कसा तो उन्होंने अपराध से तौबा कर लिया और राजनीति में इंट्री लेकर जनसेवक बन गए। 1990 में तब पहली बार सहरसा से MLA बने थे। बता दें कि गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं। हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं। लेकिन, उनकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद जनता के बीच जाकर उनका दुःख दर्द बांट रही हैं। वह दो दिन पहले आरजेडी में शामिल हुई हैं। 
(फाइल फोटो)

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सुनील पांडेय का भी नाम किडनैपिंग, हत्या जैसे मामलों आया था। 23 जनवरी 2015 को आरा कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट हुआ था। इस बम ब्‍लास्‍ट में एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्‍य लोग घायल हो गए थे। इसी मामले में सुनील पांडेय को अभियुक्त बनाया गया था। 11 जुलाई 2015 को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। 2019 में कोर्ट ने साक्ष्‍य के अभाव में बरी कर दिया। वह कई विधायक रह चुके हैं। वो इस समय लोजपा में है और खुद को समाजसेवक बताते हुए तरारी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 
(फाइल फोटो)

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बिहार के बाहुबली नेताओं में अनंत सिंह की भी गिनती होती है। इनमें हत्या, रंगदारी और अपहरण के 30 मामले दर्ज हैं। अनंत फिलहाल एक मामले में जेल में बंद हैं। लेकिन,आरजेडी से चुनाव लड़ने की तैयारी किए हैं। बता दें कि वह मोकामा से विधायक हैं।
(फाइल फोटो)

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एक समय सीवान में खौफ का नाम सूरभान सिंह हुआ करता था। लोग उनके नाम से भी डरते थे। उनपर बिहार सरकार के मंत्री की हत्या समेत 30 से ज्यादा मामले हैं। एक मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा भी दी। बाद में निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। इस समय उनका भी परिवार अपराध से तौबा कर जनसेवा में लग गया है। उनकी पत्नी वीणा देवी जनता के बीच रहती हैं। वो सांसद हैं।
(फाइल फोटो)

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