बाहुबली विधायक बनने के बाद सूरजभान, नीतीश का साथ छोड़कर राम विलास पासवान के साथ हो गया। सूरजभान पर कई हत्याओं के आरोप थे। जनवरी 1992 में बेगूसराय के मधुरापुर गांव के रामी सिंह की हत्या हुई थी। इस केस में मुख्य गवाह और यहां तक कि सरकारी वकील रामनरेश शर्मा की भी हत्या हो गई थी। ऐसे में वह अन्य मामलों की तरह इसमें भी बरी हो जाता, लेकिन केस का एक गवाह नहीं टूटा। यह गवाह बेगुसराय के डॉन रह चुके कामदेव सिंह के परिवार से था।