आईपीएल में बुरी तरह हुए फेल, राजनीति में अभी बाकी है लालू के लाडले तेजस्वी यादव की परीक्षा

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में महागठबंधन की तरफ से सीएम फेस बने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पहले राजनीति में नहीं आना चाहते थे। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वे ऐसे समय में बिहार की राजनीति में इंट्री लिए, जब कई राज्यों में बीजेपी (BJP) और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लहर चल रही थी। विपक्षी दल एकजुट होकर इस लहर को रोकना चाहते थे। वहीं, आईपीएल (IPL) में बुरी तरह फेल होने के बाद राजनीति में करियर बनाने उतरे लालू के इस छोटे बेटे ने रिकार्ड मतों से विधायक बनकर सबको हैरान कर दिया था, जिसका ईनाम भी पहली ही बार में डिप्टी सीएम पद के रूप में उन्हें मिला था। मगर, डेढ़ साल बाद ही उनके सितारे गर्त में जाने लगे। हालांकि कि उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस (Congress) जैसी राष्ट्रीय पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनकर उनकी अगुवाई में इस बार बिहार चुनाव में उतरी है, जो उनके लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 10:26 AM IST / Updated: Nov 08 2020, 04:59 PM IST
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आईपीएल में बुरी तरह हुए फेल, राजनीति में अभी बाकी है लालू के लाडले तेजस्वी यादव की परीक्षा

9 नवंबर 1989 जन्में तेजस्वी यादव का पढ़ाई में कभी मन नहीं लगाता था। बड़े घराने के होने के बाद भी कक्षा 9 तक ही पढ़ाई किए। वो अपना करियर राजनीति के बजाए क्रिकेट में ही बनाना चाहते थे। 

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बताते हैं कि तेजस्वी यादव 2008, 2009, 2011 और 2012 के आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। लेकिन, सफलता नहीं मिली तो राजनीति में आ गए।  हालांकि ये उनके लिए कोई नई चीज नहीं थी, क्योंकि उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी 15 सालों तक बिहार में सीएम पद पर रह चुके थे।

(फाइल फोटो)
 

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साल 2015 में चल रही बीजेपी लहर में राजनीति में एंट्री करने वाले तेजस्वी यादव पहली बार में राघोपुर विधानसभा सीट से अपने मां रावड़ी देवी का बदला ले लिया था। उन्होंने बीजेपी के ही सतीश कुमार को 91 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था। बता दें कि इसी चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन की बनी थी, जिसमें नीतीश कुमार सीएम और 26 साल की उम्र में पहला चुनाव जीतकर सबसे युवा डिप्टी सीएम बने थे।

(फाइल फोटो)

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सियासी उठापटक के बीत डेढ़ साल बाद जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन बिखर गया। 2015 के चुनाव में बीजेपी का साथ छोड़ने वाली जेडीयू फिर से दोस्ती कर ली और बिहार में पुनः बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिसपर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'पलटू राम'तक कहकर सुर्खियों में आ गए थे। 

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तेजस्वी यादव की जिम्मेदारियां भी सरकार गिरने के बाद बढ़ती गई। दरअसल 2015 के चुनाव के बाद उनके पिता यादव को दोबारा जेल जाना पड़ गया और परिवार के खिलाफ कई तरह की जांच शुरू हो गई। 2019 में उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई। लेकिन, तेज-तेजस्वी कभी इससे घबराए नहीं और नेता विपक्ष के रूप में सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते रहे। 

(फाइल फोटो)

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