सीवान के लोग बताते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब शहाबुद्दीन के खौफ से वे अपने लिए भी खर्च करने से भी बचते थे। घरों में सभी लोग नौकरी नहीं करते थे। व्यापारी नई गाड़ियां नहीं खरीदते थे। क्योंकि, संपन्नता दिखने पर उन्हें "टैक्स" के रूप में उसे रंगदारी देनी पड़ सकती थी। इतना ही नहीं, मना करने पर जान तक जा सकती थी। हालांकि नीतीश राज में वह जेल गया तो लोगों को थोड़ी राहत मिली। (फाइल फोटो)