भोला पासवान शास्त्री का कार्यकाल निर्विवाद था। उनका राजनीतिक व व्यक्तिगत जीवन साफ-सुधरा था। इंदिरा गांधी ने उन्हें तीन बार बिहार का मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री भी बनाया था। लेकिन, इनकी ईमानदारी ऐसी थी कि मृत्यु के उपरांत इनके खाते में इतने पैसे नहीं थे कि ठीक से श्राद्ध कर्म भी करवाया जा सके। (फाइल फोटो)