तुलसी के मुताबिक ये किताब देने के पीछे उनके पिताजी का मकसद ये था कि मैं बार-बार उनसे ब्रम्हांड, पृथ्वी, तारे के बारे में प्रश्न पूछ-पूछकर परेशान करता रहता था। हालांकि तुलसी ने ये किताब तीन दिन में पढ़ ली। इससे वह ब्लैक होल्स, आइंस्टीन थ्योरी आदि के बारे में जानने लगे। वे हमेशा वैज्ञानिक प्रश्नों के बारे में सोचते।