पटना (Bihar) । आइंस्टीन (Einstein) के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह (Mathematician Vasistha Narayan Singh) भले ही हमारे बीच नहीं है। लेकिन, आज भी उनके दिमाग का लोहा पूरा विश्व मानता है। कहा तो यहां तक जाता है कि बिहार के इस लाल ने महान वैज्ञानिक आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी। उनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता था। ये तब साबित हुआ था, जब नासा द्वारा अपोलो की लॉन्चिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर्स कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। कंप्यूटर के ठीक होने तक उन्होंने जो गणना की थी वो कंप्यूटर ठीक होने पर पता चला कि दोनों का कैलकुलेशन (Calculus) एक था। इतना ही नहीं वह प्रोफेसर (Professor) द्वारा गलत पढ़ाने पर उन्हें टोक दिया करते थे। बता दें कि पिछले साल उनका 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। वे कई सालों से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) से पीड़ित थे और उनका पूरा जीवन संषर्षों और दुःखों से भरा रहा।