29 साल की उम्र में ही राजनीति छोड़ना चाहते थे नीतीश कुमार, शुरू करना चाहते थे ये काम, फिर ऐसे बने 6 बार सीएम

पटना (Bihar) । बिहार के 6 बार सीएम बनने वाले नीतीश कुमार  (Nitish Kumar) के चुनाव न लड़ने को लेकर विरोधी मुद्दा बनाते हैं। कहते हैं कि वो कभी चुनाव नहीं लड़ते हैं। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जी हां वे लगातार तीन बार से विधान परिषद सदस्य बन रहे हैं, जिनका कार्यकाल 2024 तक है, जबकि इसके पहले उन्होंने विधानसभा और लोकसभा का चुनाव भी लड़ा है। बताते हैं कि 29 साल की उम्र तक दो बार विधानसभा चुनाव लड़े थे। हालांकि हर बार हारने के बाद वो राजनीति से दूर जाना चाहते थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और 5 साल बाद वे तीसरे प्रयास में विधायक बन गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2020 8:38 AM IST / Updated: Oct 19 2020, 04:41 PM IST

18
29 साल की उम्र में ही राजनीति छोड़ना चाहते थे नीतीश कुमार, शुरू करना चाहते थे ये काम, फिर ऐसे बने 6 बार सीएम

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना के एक गांव बख्तियारपुर में कविराज राम लखन सिंह और परमेश्वरी देवी के यहां हुआ था। परिवार के लोग उन्हें मुन्ना बुलाते थे। उनके पिता एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और कांग्रेस से जुड़े थे। लेकिन, जब उन्हें कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला तो वह जनता पार्टी का हिस्सा बन गए थे। 

28

बैचलर ऑफ इन इंजीनियरिंग करने के बाद नीतीश कुमार 1974 से 1977 तक चले जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभाई थी। वो पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के करीबी थे। 26 साल की उम्र में नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 के विधानसभा चुनाव हरनौत सीट से जनता पार्टी के टिकट पर  लड़े थे। लेकिन, हार गए। 
 

38

साल 1980 में हरनौत से ही जनता पार्टी (सेक्युलर) के टिकट चुनाव लड़ें। मगर, जीत न सकें। लगातार दो हार के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने का मूड बना लिया था। बताते हैं कि सरकारी ठेकेदार बनना चाहते थे, इसके लिए प्रयास भी शुरू किए थे, किंतु ऐसा नहीं हुआ और 1985 में तीसरी बार फिर हरनौत सीट से लोकदल ने उन्हें टिकट दे दिया। हालांकि इस बार 21 हजार से ज्यादा वोटों से जीत गए थे।

48

1985 में पहली बार विधायक बनने के बाद नीतीश 1989 के लोकसभा चुनाव में बाढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंचे। उसके बाद 1991 में लगातार दूसरी बार यहीं से लोकसभा चुनाव जीते। नीतीश 6 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। तीसरी बार 1996, चौथी बार 1998, 5वीं बार 1999 में लोकसभा चुनाव जीते।
(फाइल फोटो)

58

बताते हैं कि पहली बार लोकसभा में पहुंचने पर नीतीश कुमार केंद्रीय राज्यमंत्री बनाए गए थे। उन्हें भूतल परिवहन और रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, गैसल में हुई एक ट्रेन दुर्घटना के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा से दिया और कृषि मंत्री बने थे। 
 

68

नीतीश ने अपना आखिरी लोकसभा चुनाव 2004 में लड़ा था। उस चुनाव में नीतीश बाढ़ और नालंदा दो जगहों से खड़े हुए थे। हालांकि, बाढ़ सीट से वो हार गए और नालंदा से जीत गए। ये नीतीश का आखिरी चुनाव भी था। इसके बाद से नीतीश ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

78

2000 के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला। तब वो अटल सरकार में कृषि मंत्री थे। चुनाव के बाद भाजपा के समर्थन से पहली बार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण उन्हें 7 दिन में इस्तीफा देना पड़ा था और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। नवंबर 2005 में नीतीश दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन के पास बहुमत था। अगले साल नीतीश पहली बार विधान परिषद के सदस्य बने।

88

नवंबर 2005 से लेकर अब तक नीतीश लगातार बिहार के सीएम रहे हैं। हालांकि, मई 2014 से फरवरी 2015 के बीच जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे हैं। 2018 में नीतीश तीसरी बार विधान परिषद के सदस्य बने हैं और 2024 तक रहेंगे। उन्होंने 1995 के बाद कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos