'पुत्रमोह' में फंसे लालू से 'पुत्रमोह' में ही रघुवंश ने तोड़ा नाता, CM नीतीश को लिखी चिट्ठी से साफ हो रहा विवाद

पटना। विधानसभा चुनाव से पहले रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर बिहार की राजनीति में 24 घंटे से जबरदस्त चर्चा है। बीमारी की वजह से दिल्‍ली के एम्स में भर्ती रघुवंश ने अनोखे अंदाज में आरजेडी से इस्तीफा देकर लालू यादव को सन्न कर दिया। हालांकि लालू ने भी वैसे ही अनोखे अंदाज में चिट्ठी का जवाब देकर इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया, मगर अब नीतीश को लिखी रघुवंश की चिट्ठी के बाद कहानी का दूसरा पहलू भी सामने आ रहा है। इस चिट्ठी और उसके आसपास की चर्चाओं से जाहिर होता है कि रघुवंश ने "वैशाली की राजनीतिक कीमत" पर पुत्रमोह में फंसे लालू से पुत्रमोह में संबंध तोड़ लिया। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2020 6:30 AM IST

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'पुत्रमोह' में फंसे लालू से 'पुत्रमोह' में ही रघुवंश ने तोड़ा नाता, CM नीतीश को लिखी चिट्ठी से साफ हो रहा विवाद

अब यह साफ हो रहा है कि आरजेडी में लालू के बेटों के सेट होने के बाद रघुवंश भी अपने वाजिब उत्तराधिकार की मांग कर रहे थे। लेकिन शायद इसके लिए तैयार नहीं थी। यह भी साफ हो रहा है कि वैशाली में पिछले कुछ चुनाव हारने के बाद आरजेडी में रघुवंश की राजनीति कमजोर हो गई थी। आरजेडी की नई पीढ़ी उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थी और लालू भी नई पीढ़ी के फैसलों को ही लागू कर रहे थे। 
 

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पहले यह चर्चा थी कि रघुवंश, कथित रूप से रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री से नाराज होकर पार्टी से बाहर जा रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि रघुवंश, रामा सिंह एपिसोड से तो नाराज थे ही पार्टी में अपने बेटे को भी बड़े ओहदे पर देखना चाहते थे। यह भी चर्चा थी कि नीतीश उनके सीनियर साथी लगातार रघुवंश के संपर्क में हैं। (फोटो में लालू की लिखी चिट्ठी)

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रघुवंश के इस्तीफे के बाद बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और नीतीश कुमार ने फोन कर उनसे बातचीत की है। आज ही नड्डा बिहार के दौरे पर पहुंच रहे हैं जहां चुनाव के मद्देनजर गठबंधन के भविष्य को लेकर अंतिम फैसले लिए जाएंगे। उससे पहले ही यह बात सामने आ चुकी है कि रघुवंश अपने बड़े बेटे सत्यकाम सिंह को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं और उन्हें गवर्नर कोटे से एमएलसी बनवाना चाहते हैं। इसे लेकर जेडीयू से उनकी बातचीत चल रही है। हालांकि बेटे को लेकर अभी तक रघुवंश ने कुछ नहीं बोला है। 

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फेसबुक पोस्ट के जरिए नीतीश को लिखी रघुवंश की चिट्ठी से साफ हो रहा है कि विधानसभा चुनाव में वैशाली की कीमत पर रघुवंश जेडीयू के साथ जाने को तैयार हैं। चिट्ठी में मुख्‍यमंत्री से तीन मांगे की गई हैं। वैशाली की जनता के लिए उनसे इन्हें पूरा करने का अनुरोध किया गया है। लालू के बड़े बेटे तेजस्वी यादव वैशाली जिले की राघोपुर सीट से ही विधायक हैं। यह सीट लालू परिवार की परंपरागत सीट रही है। 

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रघुवंश द्वारा की गई मांगों में पहला- गणतंत्र की पहली भूमि वैशाली में झंडोत्तोलन, दूसरा- काबुल से भगवान बुद्ध का भिक्षापात्र मंगवाना और तीसरा मनरेगा कानून में आम किसानों की जमीन में काम करने का संशोधन अध्यादेश लाना शामिल है। (लालू को लिखी रघुवंश की चिट्ठी।)

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रघुवंश ने मुख्यमंत्री, सिंचाई मंत्री और प्रधान सचिव को भी चिट्ठी लिख तीनों मांगों को पूरा करने की अपील की है। उन्‍होंने जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह से भी मुज़फ्फरपुर, वैशाली में गंडक नहर पर पुल बनाने और अन्य निर्माण की मांग की है।

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