कौन हैं बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी,जिन्हें लेकर मचा है बवाल,अंतरिम जमानत पर जेल से हैं बाहर

पटना (Bihar ) । नीतीश सरकार को विपक्षी दल ने अभी से ही घेरना शुरू कर दिया है। इसके लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी (Dr. Mewalaal Chaudhary ) को लेकर पहला तीर चलाया है। उन्होंने ट्टीट कर सवाल किया है कि सीएम नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है? बता दें कि मेवालाल पर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में धांधली का आरोप रहा है। आइए जानते हैं शिक्षा मंत्री के बारे में।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2020 3:44 AM IST / Updated: Nov 19 2020, 04:06 PM IST
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कौन हैं बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी,जिन्हें लेकर मचा है बवाल,अंतरिम जमानत पर जेल से हैं बाहर

4 जनवरी 1953 को जन्मे बिहार के शिक्षामंत्री मेवालाल (एमएल) चौधरी की शैक्षणिक योग्यता एमएससी है। उन्होंने पीएचडी भी की है। वो  कोइरी समुदाय से आते हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा रवि प्रकाश अमेरिका में तो छोटा बेटा मुकुल प्रकाश आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

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राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वे भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। साल 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। जेडीयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए। 
 

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कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। हालांकि इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी। बता दें कि वो एमएल चौधरी भारत सरकार में हॉर्टिकल्चर कमिश्नर रह चुके हैं। वह बिहार के कृषि रोड मैप तैयार करने वाले दल के सदस्य भी रहे हैं।
 

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तारापुर के जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी कोइरी समुदाय से आते हैं। उन्हें पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। वे जेडीयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं।

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नीता चौधरी साल 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गईं थी। लेकिन, 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग से झुलस कर उनकी मौत हो गई थी। हालांकि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा है।
 

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बताते चले कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने ट्वीट करके कहा, जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा। 
 

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तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में IPC 409,420,467, 468,471 और 120B के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?

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