वशिष्ठ और जॉन नैश का शुरुआती जीवन, गणित को लेकर दीवानगी और वैवाहिक स्थिति लगभग एक जैसी है। एक समय दोनों गणित में इतने डूब गए कि दोनों की मानसिक स्थिति खराब हो गई। नैश पर पागलपन इतना हावी हो गया कि उन्हें गलत सही का अंदाजा लगाना भी मुश्किल था। बीमारी की वजह से वो एक काल्पनिक दुनिया में चले जाते थे। उनका पागलपन खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। एक बार अंजाने में वो अपने ही बेटे की जान लेने की कोशिश करने लगे थे। लेकिन ऐसे मुश्किल वक्त में उनकी नैश की पत्नी ने उन्हें संभाला।