मात्र 19 साल की उम्र में शहाबुद्दीन तब चर्चा में आया, जब 1986 में उसके खिलाफ पहली बार आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था। 2000 के दशक तक सीवान जिले में शहाबुद्दीन एक समानांतर सरकार चलाता था। उसकी एक अपनी अदालत थी, जहां लोगों के फैसले हुआ करता था। वह खुद सीवान की जनता के पारिवारिक विवादों और भूमि विवादों का निपटारा करता था। यहां तक के जिले के डॉक्टरों की परामर्श फीस भी वही तय किया करता था।
(फाइल फोटो)