लालू के करीबी रहे शहाबुद्दीन का बिहार में कभी ऐसा था खौफ, चर्चा में थी जज के ट्रांसफर की ये कहानी

पटना(Bihar) । बिहार की राजनीति में हमेशा से बाहुबलियों का असर रहा है। कोई ऐसा दल नहीं है जिसने बाहुबलियों को टिकट न दिया हो। राज्य की बाहुबली पॉलिटिक्स में मोहम्मद शहाबुद्दीन ऐसा ही एक नाम हैं। शहाबुद्दीन का एक से बढ़कर एक संगीन अपराधों में नाम आया है। लेकिन चार बार सांसद और दो बार विधायक बना। हालांकि इस वक्त वो जेल में सजा काट रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2020 11:47 AM IST / Updated: Sep 02 2020, 07:28 PM IST

18
लालू के करीबी रहे शहाबुद्दीन का बिहार में कभी ऐसा था खौफ, चर्चा में थी जज के ट्रांसफर की ये कहानी


शहाबुद्दीन चाहे जेल में रहा हो या जेल से बाहर। उसके अपराधों का खौफ ऐसा था लोग डरते थे। एक उदाहरण के रूप में बताते हैं कि 2014 में शहाबुद्दीन को दो भाइयों की तेजाब से नहलाने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज ने भी अपना ट्रांसफर करा लिया था। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह दावा नहीं किया जा सकता।

(फाइल फोटो)

28


लेकिन कई बार यह साफ देखने को मिला है कि जेल में रहने के बावजूद शहाबुद्दीन के आपराधिक साम्राज्य पर कोई असर नहीं पड़ा। जेल में बंद होने के दौरान भी उसके दरबार लगने और वहीं से राजनीति और अपराध डील करने की बातें कई बार सामने आई हैं।
(फाइल फोटो)

38


मात्र 19 साल की उम्र में शहाबुद्दीन तब चर्चा में आया, जब 1986 में उसके खिलाफ पहली बार आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था। 2000 के दशक तक सीवान जिले में शहाबुद्दीन एक समानांतर सरकार चलाता था। उसकी एक अपनी अदालत थी, जहां लोगों के फैसले हुआ करता था। वह खुद सीवान की जनता के पारिवारिक विवादों और भूमि विवादों का निपटारा करता था। यहां तक के जिले के डॉक्टरों की परामर्श फीस भी वही तय किया करता था।
(फाइल फोटो)

48


1999 में एक सीपीआई (एमएल) कार्यकर्ता के अपहरण और संदिग्ध हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को लोकसभा 2004 के चुनाव से आठ माह पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन चुनाव आते ही शहाबुद्दीन ने मेडिकल के आधार पर अस्पताल में शिफ्ट होने का इंतजाम कर लिया था।
(फाइल फोटो)

58


शहाबुद्दीन अस्पताल का एक पूरा फ्लोर अपने लिए सुरिक्षित कराया था। जहां वह लोगों से मिलता था और बैठकें करता था। वहीं से फोन पर वह अधिकारियों, नेताओं को कहकर लोगों के काम कराता था। अस्पताल के उस फ्लोर पर उनकी सुरक्षा के भारी इंतजाम थे।
(फाइल फोटो)

68


हालात ये थे कि पटना हाईकोर्ट ने ठीक चुनाव से कुछ दिन पहले सरकार को शहाबुद्दीन के मामले में सख्त निर्देश दिए। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को वापस जेल में भेजने के लिए कहा था। सरकार ने मजबूरी में उसे जेल वापस भेज दिया। लेकिन, चुनाव में 500 से ज्यादा बूथ लूट लिए गए थे। आरोप था कि यह काम उसके के इशारे पर किया गया था।
(फाइल फोटो)

78


दोबारा चुनाव होने पर भी शहाबुद्दीन सीवान से लोकसभा सांसद बन गए था। लेकिन, उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जेडी (यू) के ओम प्रकाश यादव से कड़ी टक्कर मिली थी। चुनाव के बाद कई जेडी (यू) कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई थी।
(फाइल फोटो)

88


अदालत ने 2009 में शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। जेल में रहने पर उनकी पत्नी हिना शहाब उनके राजनीतिक रसूख का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। वह आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है।
 (फाइल फोटो)

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos