हत्या की कोशिश, जान से मारने की धमकी, बाहुबली हुलास पांडे पर लगे आरोपों की लंबी है लिस्ट

पटना। एडीआर ने बिहार चुनाव (Bihar Polls) को लेकर दिलचस्प विश्लेषण जारी किया है। इसमें यह पता चला है कि बिहार में स्वच्छ छवि के उम्मीदवारों की तुलना में अमीर बाहुबलियों के जीतने का प्रतिशत कहीं ज्यादा है। शायद ये भी एक वजह है कि बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दशकों से धनबल-बाहुबल का ज़ोर बना हुआ है। लगभग सभी दलों में जीत की गारंटी समझे जाने वाले बाहुबलियों की घुसपैठ है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2020 2:21 PM IST

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हत्या की कोशिश, जान से मारने की धमकी, बाहुबली हुलास पांडे पर लगे आरोपों की लंबी है लिस्ट

चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एलजेपी (LJP) के ऐसे ही बाहुबली उम्मीदवार हैं हुलास पांडे (Hulas Pandey)। पार्टी ने हुलास को इस बार ब्रह्मपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। बालू कारोबार के लिए मशहूर आरा और बक्सर जिले में हुलास पांडे का काफी दबदबा है। 
 

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हुलास पांडे के भाई सुनील पांडेय (Sunil Pandey) भी विधायक रह चुके हैं। सुनील पांडे का नाम तो एक से बढ़कर एक मामलों में आया है। ब्रहमेश्वर मुखिया की हत्या में भी नाम आ चुका है। 
 

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हुलास पांडे पर लगे आपराधिक आरोपों की बात की जाए तो लिस्ट बहुत छोटी पड़ जाएगी। इनके ऊपर हत्या की कोशिश,  हत्या की धमकी, रंगदारी, वसूली के साथ अवैध हथियारों की तस्करी तक के आरोप हैं। बावजूद एलजेपी मेन उन्हें अहम पद दिया गया है और पार्टी के संसदीय दल में भी शामिल हैं। 
 

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आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में NIA ने इसी साल हुलास पांडेय के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। 45 लाख कैश और डेढ़ किलो सोने की बरामदगी हुई थी। एलजेपी बाहुबली पर पैसों के फर्जी लेनदेन का भी आरोप लग चुका है। सरकारी कर्मचारियों को धमकाने के भी आरोप लग चुके हैं। हालांकि मामले अभी अदालत में चल रहे हैं और वो दोषी करार नहीं दिए गए हैं। 
 

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हुलास पांडेय के नाम करोड़ों की घोषित संपत्ति है। 2015 में उनकी ओर से दिए गए हलफनामा के मुताबिक संपत्ति करीब 4 करोड़ रुपये है। 10 लाख रुपये का कर्ज भी है। हुलास के पास कीमती गाड़ियां और दूसरी प्रॉपर्टी भी है। 

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