राजनीतिक जानकार यह भी मानते हैं कि अगर कन्हैया कुमार अकेले बिहार में मेहनत करते रहते तो हो सकता है कि वह आने वाले समय में विकल्प भी बन सकते थे। दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव को तैयार विकल्प के तौर पर देखा जाता है। बिहार में नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में तेजस्वी चेहरा हो सकते है। कन्हैया अच्छा बोलते हैं, पर वैकल्पिक चेहरा नहीं हो सकते। (फाइल फोटो)