बता दें कि ने अपने समय के दौरान आजाद भारत की पहली रिफाइनरी – बरौनी ऑयल रिफाइनरी, पहला खाद कारखाना – सिन्दरी व बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना – भारी उद्योग निगम हटिया, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड – गढ़हरा, आजादी के बाद गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क, देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट – सेल बोकारो, बरौनी डेयरी, राजेंद्र पुल, कोशी प्रोजेक्ट, बिहार, भागलपुर, रांची विश्वविद्यालय जैसे और भी कई ऐसी चीजों की नींव रखी जिनके चलते वह हमेशा याद किए जाएंगे।