थाने में दुल्हन ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि मुझे ऐसा जीवनसाथी नहीं चाहिए, जो दहेजलोभी हो। इसके बाद स्थानीय लोगों और नगर थानाध्यक्ष के प्रयास से क्षतिपूर्ति की राशि वधू पक्ष को देने के बाद दूल्हे को छोड़ दिया गया। दूल्हा बैरंग वापस लौट गया। (प्रतीकात्मक फोटो)