बिहार में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra), तेलंगाना (Telangana) और गोवा (Goa) की तुलना में बिहार में शराब की खपत आज भी ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार के शहरी क्षेत्र की महिलाएं भी शराब की शौकीन हैं। शराबबंदी से पहले बिहार में शराब की करीब 6 हजार दुकानें थीं और सरकार के खजाने में इससे करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपया आता था। इसके बाद 5 अप्रैल, 2016 को बिहार देश का ऐसा पांचवां राज्य बन गया जहां शराब पीने और जमा करने पर बैन लग गया।