बिहार में भूख मिटाने के लिए मेढक खा रहे बच्चों की कहानी निकली दूसरी; अफसरों का दावा- फर्जी है VIDEO

जहानाबाद. ट्विटर, फेसबुक सहित कई सोशल साइट्स पर रविवार को बिहार का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें बिहार के जहानाबाद जिले के कुछ बच्चे हाथ में मेढक लिए दिख रहे हैं। बच्चे यह कहते दिखे कि वे मेढक ही खाते हैं। बच्चा यह भी कह रहा है कि घर में आटा-चावल कुछ नहीं है। कोरोना वायरस के कारण देश भर में चल रहे लॉकडाउन के कारण कोई कमा भी नहीं रहा है। इस कारण चार-पांच दिनों से मेढक खा रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 20, 2020 7:44 AM IST / Updated: Apr 20 2020, 07:06 PM IST

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बिहार में भूख मिटाने के लिए मेढक खा रहे बच्चों की कहानी निकली दूसरी; अफसरों का दावा- फर्जी है VIDEO

लोकल चैनल का है वीडियो 
वीडियो किसी स्थानीय न्यूज चैनल का है। वीडियो बनाने वाला शख्स बच्चों से पूछता दिख रहा है कि भूखे हो? कितनों दिनों से नहीं खाए हो, नाम क्या है? इन सवालों के जवाब में बच्चा बताता है कि तीन-चार दिन से घर में राशन नहीं है। दिन भर मेढक पकड़ते हैं और इसी को बनाकर खाते हैं। 

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सरकार का दावा सच्चाई यह नहीं
विपक्षी दल के साथ-साथ कई लोगों ने इसे पोस्ट करते हुए बिहार की दुर्दशा पर प्रतिक्रिया दी है। लेकिन वीडियो में जो दिख रहा है, सच्चाई केवल उतनी ही नहीं है। ये लोग सामान्य दिनों में भी मेढक, चूहा आदि पकड़कर खाते हैं। 

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प्रशासन का भी दावा है कि वीडियो के बहाने गलत कहानी गढ़ी गई। कुछ लोगों ने जबरदस्ती बच्चों से बातें कहवाई।

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अधिकारियों ने लिया जायजा
वीडियो वायरल होने के बाद जहानाबाद प्रशासन भी हरकत में आया। तुरंत उन बच्चों के घरों पर अधिकारियों को भेजा गया। बच्चों के घरों का जायजा लेने पहुंचे अधिकारियों ने देखा वहां पहले से चावल, आटा, दाल सहित जरूरी राशन उपलब्ध है। इसके बाद प्रशासन की पहल पर वीडियो में दिखने वाले बच्चों को कम्युनिटी किचन में भोजन कराया गया। 

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केंद्र-राज्य सरकार से मिल रही है मदद 
लॉकडाउन के कारण बिहार में पहले से ही तीन महीने का मुफ्त राशन और खाते में एक-एक हजार रुपए दिया जा रहा है। साथ ही पीएम की ओर से 5-5 किलो अनाज मुफ्त में जन वितरण प्रणाली के जरिए दिया जा रहा है।  

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