बहन की डोली से पहले निकला भाई का जनाजा, छुट्टी नहीं मिलने पर सिपाही ने ऐसे दे दी थी जान

Published : Jun 18, 2020, 10:48 AM IST

अरवल ( Bihar) । दरभंगा जिले के एसएसपी बाबूराम के बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात चिंटू पासवान का शव जैसे ही उनके पैतृक गांव माली पहुंचा तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। घर वालों के मुताबिक चिंटू की शादी 24 जून और बहन की शादी 20 जून को थी। ऐसे में बहन की शादी से पूर्व ही भाई की अर्थी उठने के कारण इलाके में माहौल काफी गमगीन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार गांव के पुनपुन नदी स्थित श्मशान घाट पर कर दिया गया। बता दें कि चिंटू पासवान ने ड्यूटी के दौरान ही स्वचालित हथियार से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इनके पिता को भी वर्ष 1995 में प्रतिबंधित नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

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बहन की डोली से पहले निकला भाई का जनाजा, छुट्टी नहीं मिलने पर सिपाही ने ऐसे दे दी थी जान


गार्ड चिंटू अरवल जिले के बंसी थाना क्षेत्र के माली गांव का रहने वालs थs। उनके पिता का नाम रामचंद्र पासवान थे, जिनकी साल 1995 में प्रतिबंधित नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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गार्ड चिंटू पासवान 31 जुलाई 2018 को पुलिस में भर्ती हुए। उनकी तैनाती दरभंगा के एसएसपी बाबू राम के बॉडीगार्ड के तौर पर हुई थी। परिवार के लोगों के मुताबिक चिंटू की शादी 24 जून और बहन की शादी 20 जून को थी। जिसके चलते वह घर जाना चाहता था, लेकिन छुट्टी न मिलने से परेशान था। 

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एसएसपी के आवास पर ही चिंटू पासवान ने अपनी ही राइफल से गर्दन में तीन गोली मार ली थी। पुलिसकर्मियों ने खून बहना रोककर चिंटू को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब न हो सके। चिंटू ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।

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खास बात यह है कि 20 जून को उनकी बहन की शादी समारोह का आयोजन किया जाना था। लेकिन, बहन की शादी से पूर्व ही भाई की अर्थी उठने के कारण इलाके में माहौल काफी गमगीन हो चुका है। उनका अंतिम संस्कार गांव के पुनपुन नदी स्थित श्मशान घाट पर कर दिया गया।

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एसएसपी बाबूराम कोरोना संक्रमण के चलते आइसोलेशन में हैं। उनकी जगह एसपी सिटी योगेंद्र कुमार एसएसपी का चार्ज संभाल रहे हैं। चिंटू की आत्महत्या के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। अब चिंटू के छुट्टी वाले आवेदन की तलाश हो रही है। चिंटू एक सप्ताह से छुट्टी के लिए गुहार लगा रहा था।

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