चीनियों को मारते-मारते शहीद हुआ देश का लाल, होश आते ही पत्नी पूछ रही- कब आएंगे वो

समस्तीपुर (Bihar) । भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में हुई हिंसक झड़प में जवान अमन कुमार सिंह भी शहीद हो गए हैं। वह मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले थे। अमन की शादी एक साल पहले हुई थी। शहादत की खबर मिलने के बाद से अमन की पत्नी सदमे में हैं। वह रोते-रोते बेहोश हो रही हैं। अमन के पिता सुधीर सिंह और परिवार के अन्य लोगों के भी आंसू थम नहीं रहे हैं। वहीं, परिवार को उनकी शहादत पर गम नहीं गर्व है। लेकिन, एक सवाल सबकी जुबां पर है कि अब बीमार पिता का इलाज कौन कराएगा। पांच दिन पहले ही शहीद जवान की पिता से बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने पिता का हालचाल पूछने के बाद उन्हें अपने बारे में सबकुछ ठीक बताया था।

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2020 12:44 PM IST / Updated: Jun 17 2020, 07:08 PM IST

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चीनियों को मारते-मारते शहीद हुआ देश का लाल, होश आते ही पत्नी पूछ रही- कब आएंगे वो


पिता सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सोमवार रात 9 बजे मुझे जानकारी मिली। मेरे फोन पर अधिकारी का कॉल आया है। मैंने उठाया तो सामने से पूछा गया कि क्या आप अमन के पिता बोल रहे हैं? मैंने हां कहा। इसके बाद अधिकारी ने कहा कि अमन शहीद हो गए हैं। इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया। अमन की शहादत की खबर मिलने के बाद पूरे गांव में मातम है। लोग अमन के घर पर जुटे हुए हैं।

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अमन कुमार सिंह के पिता सुधीर कुमार सिंह बताते हैं कि अभी तो फरवरी माह में ही वह अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए गया था। जाते-जाते कहा था कि पापा अगली बार आएंगे तो आपको डॉक्टर के पास ले जाएंगे। लेकिन,अब पिता को कौन डॉक्टर के पास ले जाएगा।

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पिता सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि अमन बचपन से ही सेना में शामिल होकर देश के लिए कुछ करना चाहता था। पांच दिन पहले ही शहीद जवान की पिता से बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने पिता का हालचाल पूछने के बाद उन्हें अपने बारे में सबकुछ ठीक बताया था।
 

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27 फरवरी 2019 को अमन कुमार सिंह की शादी पटना जिले के बाढ़ के राणा विघा गांव के अक्षय सिंह की पुत्री मीनु देवी से हुई थी शहादत की खबर सुनकर पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। वह रह-रह कर बेहोश हो जा रही है। होश में आने पर हर किसी से वह यही पूछती है कि अब अमन कब वापस आएंगे।

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शहीद अमन की बहन कहती हैं कि भैया बोलकर गए थे कि दो महीने बाद वापस आऊंगा, लेकिन अब वह कैसे आएंगे कहते-कहते वह भी रोने लगती है। सहादत की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक पदाधिकारी गांव पर पहुंचकर शोक में डूबे परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।

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