एक जिद से विधवा बनीं सुहागन,जिंदा शख्स की परिजनों को सौंप दी डेडबॉडी..पढ़िए लापरवाही का मामला

Published : Apr 12, 2021, 01:50 PM IST

पटना (Bihar) । पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोविड से 40 साल के एक शख्स की मौत का प्रमाणपत्र दिया। इतना ही नहीं शव को पैककर उसे परिजनों को सौंप दिया गया, जबकि वह आदमी जिंदा है। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर एक संविदा कर्मी हेल्थ मैनेजर को हटा दिया गया। बता दें कि यह पता तब चला जब कोविड पॉजिटिव के बावजूद पत्नी ने अंत्येष्टि से पहले कफन हटाकर पति का चेहरा दिखाने का जिद करने लगी, जिसपर लोगों ने कफन हटाया तो सच्चाई सामने आ गई। 

PREV
15
एक जिद से विधवा बनीं सुहागन,जिंदा शख्स की परिजनों को सौंप दी डेडबॉडी..पढ़िए लापरवाही का मामला

पटना के बाढ़ के रहने वाले चुन्नू कुमार को ब्रेन हैमरेज हुआ था। इसके बाद शुक्रवार को उन्हें PMCH में भर्ती कराया गया था। रविवार की सुबह 10 बजे के करीब बताया गया कि आपके मरीज की स्थिति खराब हो गई है। फिर एक घंटे बाद उन्हें मृत बताकर अस्पताल ने सब कागजी कार्रवाई कर दी और डेडबॉडी को पैक कर दे दिया।
 

25

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुन्नू कुमार की पत्नी कविता देवी ने कहा है कि अस्पताल में कहा गया कि डेडबॉडी घर नहीं ले जाना है। इसके बाद हमलोग बॉडी लेकर अंतिम संस्कार के लिए बांसघाट गए।

35

कविता के मुताबिक शव मशीन पर चढाने से पहले मैंने अंतिम बार चेहरा देखने की जिद की। इसपर भी रुपये मांगे गए और तब चेहरा दिखाने के लिए बॉडी को खोला गया। लेकिन मैं दूर से भी पहचान गई।

45

कविता देवी ने बताया कि जब मैंने डेडबॉडी को पहचान लिया तभी मुझे लग गया था कि मेरे पति जिंदा हैं। उस समय जो शॉक लगा था और अब जो ख़ुशी मिली है, उसे शब्दों में बता नहीं सकते। 

55

पैर में प्लास्टर होने की वजह से मेरे पति दिसंबर से ही बेड पर थे। हमलोगों ने अपने परिवार में सबका कोरोना टेस्ट करवा लिया, किसी को कुछ नहीं निकला, फिर उनको पॉजिटिव कैसे बता दिया सब, समझ नहीं सकते। हमलोग इस मामले में जहां तक हो सकेगा, शिकायत करेंगे ताकि किसी और को ऐसी परेशानी न उठानी पड़े।

Recommended Stories