पॉलिटिक्स-पदयात्रा और प्रशांत किशोर, कैसी है बिहार की राजनीति में तहलका मचाने वाले पीके की पर्सनल लाइफ

पटना : बिहार (Bihar) की राजनीति पर इन दिनों देशभर के सियासी पंडितों  की निगाह हैं। कारण चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के हर दिन कुछ नए ऐलान। पहले लगा पीके सूबे की पॉलिटिक्स में डायरेक्ट एंट्री लेने जा रहे हैं लेकिन गुरुवार को उन्होंने इससे इनकार कर साफ कर दिया कि उनका प्लान तो कुछ और ही है। प्रशांत किशोर बिहार में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करने जा रहे हैं। इस दौरान वे 17 हजार लोगों से मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जैसे नेताओं को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाने में अहम रोल निभा चुके राजनीति के इस चाणक्य का करियर जितना दिलचस्प है, उतनी ही दिलचस्प पर्सनल लाइफ लाइफ भी है। जानिए फैमिली से लेकर फ्यूचर प्लान तक सबकुछ...

Asianet News Hindi | Published : May 5, 2022 8:08 AM IST
15
पॉलिटिक्स-पदयात्रा और प्रशांत किशोर, कैसी है बिहार की राजनीति में तहलका मचाने वाले पीके की पर्सनल लाइफ

प्रशांत किशोर का जन्म रोहतास जिले के कोनार गांव में साल 1977 में हुआ। बाद में नौकरी की वजह से उनका परिवार बक्सर में शिफ्ट हो गए। पिता श्रीकांत पांडे सरकारी डॉक्टर तो मां यूपी के बलिया की रहने वाली हैं। पिता के गांव से बक्सर आने के बाद प्रशांत की स्कूलिंग भी वहीं हुई। 

25

स्कूलिंग के बाद प्रशांत किशोर ने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और हैदराबाद चले गए। उनके बायोडाटा के मुताबिक उन्होंने इसके बाद पब्लिक हेल्थ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और संयुक्त राष्ट्र संघ में काम करने लगे। उनकी पहली पोस्टिंग आंध्र प्रदेश में हुई और यहीं उनकी मुलाकात जाह्नवी दास से हुई।

35

जाह्नवी दास खुद भी डॉक्टर हैं। दोनों की यह मुलाकात गहरी दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। फिर एक दिन दोनों ने शादी का फैसला किया। जाह्नवी दास असम के गुवाहाटी में डॉक्टर हैं। दोनों का एक बेटा भी है। जाह्नवी कभी राजनीतिक पार्टी में पति के साथ नजर नहीं आती। हालांकि गैर राजनीतिक पार्टियों में कई बार दोनों को साथ देखा गया है।

45

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में काम करने के दौरान उन्हें चाड में डिवीजन हेड के रूप में उत्तर-मध्य अफ्रीका देश भेजा गया। जहां उन्होंने भारत के समृद्ध उच्च विकास वाले राज्यों में कुपोषण पर एक रिसर्च पेपल लिखा, जिसमें गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों का जिक्र था। इनमें गुजरात सबसे अच्छी कंडीशन में था। यही पेपर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के हाथ लगा और इसे पढ़ उन्होंने प्रशांत किशोर को फोन किया और गुजरात में काम करने का ऑफर दिया।

55

साल 2013 की बात है जब उन्होंने सिटीजन फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस या CAG की शुरुआत की। जो 2015 में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी यानी I-PAC में बदल दिया गया। इसके जरिए उन्होंने राजनीतिक रणनीति पर काम शुरू किया, जिसे पीएम मोदी ने जमकर सराहा। फिर उनकी कंपनी ने साल 2014 में पीएम मोदी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली और यहीं से प्रशांत किशोर का करियर शिखर पर पहुंच गया। बाद में उन्होंने कई पार्टियों के साथ काम किया और अब बिहार की राजनीति मे एंट्री को लेकर उनकी चर्चा है। 

इसे भी पढ़ें-PK की नई पारी :नीतीश लालू का 30 साल के शासन में बदलाव के लिए 3 हजार किमी पदयात्रा करेंगे प्रशांत किशोर

इसे भी पढ़ें-PK का बड़ा धमाका: राजनीति में एंट्री के लिए तैयार प्रशांत किशोर, बनाएंगे अलग पार्टी! ट्वीट कर कही ये बड़ी बात

 

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos